परिवारवाद की नहीं, परिवारभाव की पार्टी है बीजेपी: रामलाल

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल का कहना है कि बीजेपी परिवारवाद की नहीं बल्कि परिवारभाव की पार्टी है और उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर गर्व है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 29 Jul 2017 11:09 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jul 2017 08:49 PM (IST)
परिवारवाद की नहीं, परिवारभाव की पार्टी है बीजेपी: रामलाल
परिवारवाद की नहीं, परिवारभाव की पार्टी है बीजेपी: रामलाल

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल ने कहा कि देश में जहां अन्य दल परिवारवाद के आधार पर चल रहे हैं। लेकिन भाजपा परिवार भाव से चलने वाली पार्टी है। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व श्रेष्ठ नेतृत्व है और हमें उस पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गरीबों की सरकार है और पूरे देश को नेतृत्व पर गहरा विश्वास है, अब पूरी दुनिया में भारत की अलग पहचान बनी है। 

भाजपा के प्रदेश जन प्रतिनिधि प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल ने विधायकों की पांच तरह की जिम्मेदारियां बताईं। उन्होंने कहा कि पहली जिम्मेदारी जनता के प्रति है, जिसने विधायकों को चुना है। दूसरी जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति है, जो चुनाव में कार्य करते हैं। तीसरी जिम्मेदारी पार्टी के लिए है, जिसके कारण विधायक बने हैं, चौथी जिम्मेदारी सरकार के प्रति है और पांचवीं जिम्मेदारी विचार के प्रति है, जो हर बात का आधार है। 

उन्होंने कहा कि विधायक बनने के बाद हमें श्रेष्ठ रूप से कार्य करना चाहिए, जिससे क्षेत्र की जनता कहे कि उनका विधायक श्रेष्ठ है। विधायक के रूप में अपने पास आने वाले लोगों से मिलना तो जरूरी है ही, साथ ही स्वयं क्षेत्र में जाकर प्रमुख व्यक्तियों से से भी मुलाकात करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने विधायकों से उनके विचार भी जाने। 

इससे पहले राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश ने दूसरे दिन के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा कि भाजपा की सफलता का एक महत्वपूर्ण आधार पार्टी के अंदर समन्वय है। भाजपा संगठन आधारित दल है और यहां संगठन सर्वोपरि है, जबकि कांग्रेस आदि दलों में जनप्रतिनिधि ही संगठन हो जाते हैं। उन्होनें ये भी कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि भी संगठन के होते हैं लेकिन उनकी कुछ अन्य जिम्मेदारियां और जनता के प्रति जवाबदेही भी होती है। ऐसे में संगठन और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय जरूरी रहता है। 

इस दौरान शिवप्रकाश ने कहा कि हम सभी एक विचार, एक लक्ष्य और एक संगठन के लोग हैं। इसलिए सभी को मिलकर चलना है और यह पार्टी की सफलता का एक मुख्य आधार भी है। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से भी उनके विचार सुने और अनुभव की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संगठन पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ ही जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद बना रहना जरूरी है। जब हम समन्वय की बात करते हैं तो यह मन से होना चाहिए। सभी के अंदर 'मैं' के स्थान पर 'पार्टी' का भाव होना जरूरी है। 

वहीं दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रशिक्षण महाअभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. महेश शर्मा ने प. दीनदयाल उपाध्याय और उनके दर्शन पर उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि देश से अंग्रेजों के चले जाने के बाद प. दीनदयाल उपाध्याय ने देश को पूरी तरह स्वतंत्र कराने के लिए शेष रह गई पुर्तगाली व फ्रांसीसी शक्तियों को बाहर करने के उद्देश्य से आंदोलन किए और इससे सरकार को कार्यवाही करनी पड़ी। उन्होंने देश में लोकतंत्र के लिए जनसंघ के रूप में अखिल भारतीय विपक्ष दिया। उन्होंने अखंड भारत का उद्घोष करने के साथ भारतीयता के आधार पर दर्शन दिया। 

संबित पात्रा ने बताई मीडिया की महत्ता 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने विधायकों को मीडिया के बढ़ते महत्व और उसके सदुपयोग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर विशेष तौर पर जन प्रतिनिधियों से सजग और सक्रिय रहने का आह्वान किया। डॉ. संबित पात्रा ने मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लेकिन आज यह पहले व दूसरे स्थान के बीच पहुंच गया है। आज प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के रूप में मीडिया अलग-अलग माध्यम के रूप में हमारे सामने है और तीनों का अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सोशल मीडिया का महत्व और ज्यादा बढ़ेगा, लिहाजा सभी के लिए इस क्षेत्र में सक्रिय होना जरूरी है। 

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