उत्तराखंड सरकार ने नहीं दिखाया सकारात्मक रुख, अब मांगें मनवाने को एक मंच पर आए राज्य आंदोलनकारी

सरकार की ओर से मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाए जाने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठन अपनी मांगें मनवाने के लिए अब एक मंच पर आ गए हैं। इसके लिए संगठनों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा बनाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 10:05 AM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 10:05 AM (IST)
उत्तराखंड सरकार ने नहीं दिखाया सकारात्मक रुख, अब मांगें मनवाने को एक मंच पर आए राज्य आंदोलनकारी
उत्तराखंड सरकार ने नहीं दिखाया सकारात्मक रुख।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार की ओर से मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाए जाने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठन अपनी मांगें मनवाने के लिए अब एक मंच पर आ गए हैं। इसके लिए संगठनों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा बनाया है। इस मोर्चे ने अपनी मांगों के संबंध में अगले महीने मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए समय मांगा है। साथ ही वार्ता के लिए नहीं बुलाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। यह जानकारी सोमवार को संयुक्त मोर्चा में शामिल संगठनों के पदाधिकारियों ने कचहरी स्थित शहीद स्मारक में पत्रकार वार्ता में दी। 

मोर्चा के संरक्षक नवनीत गुसाईं ने बताया कि बीते दिनों वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मोर्चा, उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संगठन, उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद, उत्तराखंड कौशल्या डबराल संघर्ष वाहिनी और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद से जुड़े राज्यभर के आंदोलनकारियों के समर्थन पर मोर्चा का गठन किया गया।

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों और मृतक आश्रितों को एक समान पेंशन दी जाए। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण, पीआरडी-उपनल आदि आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कोटा देते हुए रोजगार दिलाने, लंबित मामलों के निस्तारण, समूह ग की भर्ती में उत्तराखंड के मूल निवासियों को ही प्राथमिक देने की भी मांग की। कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पत्र भेजा गया है। साथ ही मांग की गई है कि जल्द राज्य आंदोलनकारियों से वार्ता की जाए, जिससे लंबित मांगों का निस्तारण हो सके।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार 15 दिन के भीतर वार्ता के लिए नहीं बुलाएगी तो मोर्चा सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर गणेश डंगवाल, जबर सिंह पावेल, विपुल नौटियाल, सुशीला ध्यानी, सुरेश कुमार, सुलोचना गुसाईं, रामेश्वरी रावत, प्रभात डंडरियाल आदि मौजूद रहे। 

यह भी पढ़ें: किसानों ने मुख्यमंत्री के आवास को घेरने के लिए बनाई रणनीति 

chat bot
आपका साथी