छात्राओं के लिए हो अलग शौचालय व चेंजिंग रूम

बालिकाओं के पढ़ाई छोड़ने का एक बड़ा कारण स्कूलों में अलग शौचालय ना होना है। प्लान इंडिया और भुवनेश्वरी महिला आश्रम की ओर से स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने यह बात कही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jul 2019 10:17 PM (IST)
छात्राओं के लिए हो अलग शौचालय व चेंजिंग रूम
छात्राओं के लिए हो अलग शौचालय व चेंजिंग रूम

जागरण संवाददाता, देहरादून : बालिकाओं के पढ़ाई छोड़ने का एक बड़ा कारण स्कूलों में अलग शौचालय ना होना है। प्लान इंडिया और भुवनेश्वरी महिला आश्रम की ओर से स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने यह बात कही। विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों के साथ ही सैनिटरी नैपकिन व चेंजिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने दिए। इस अवसर पर उन्होंने एजुकेशनल किट, लर्निग किट व वॉश करिकुलम आइसी किट का भी विमोचन किया।

नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने प्रधानाचार्यो से इस विषय पर फीडबैक लिया। उन्होंने पूछा कि बालिकाओं के लिए स्वच्छता सुविधाओं व अलग शौचालयों की व्यवस्था होने से क्या परिवर्तन आया है। क्या छात्राओं की उपस्थिति व दाखिलों में बढ़ोतरी हुई है? उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में सप्ताह में एक बार स्वच्छता के संबंध में बैठक करें। जिसमें विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि दिव्याग बच्चों के सामने भी ड्रॉपआउट का खतरा अधिक रहता है। स्कूलों में दिव्याग बच्चों के अनुरूप सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में पीने का साफ पानी व सफाई होना छात्र-छात्राओं के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। स्वच्छता की आदतें सिखाने के लिए स्कूल एक आदर्श स्थान है। विद्यालयों में छात्रा-छात्राओं में स्वच्छता की आदतें विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधिया करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने व अपने माता-पिता, भाई-बहनों व मित्रों के जन्मदिन पर एक-एक वृक्ष अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल भी करें। स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने और बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने पर भी उन्होंने जोर दिया।

महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता के साथ ही नशे के खिलाफ भी अभियान चलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रयोग के खिलाफ भी जागरूक किया जाना चाहिए। विधायक खजान दास ने कहा कि स्वच्छता अभियान में बच्चों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी ने घरों से ही जैविक व अजैविक कूड़े के पृथककरण की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में आम नागरिक की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है।

बता दें, श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम समेत अन्य संस्थाओं ने रायपुर क्षेत्र के 20 सरकारी स्कूलों में 'स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय' के तहत स्वच्छता सुविधाओं का विकास किया है। कार्यक्रम में श्री भुवनेश्वरी आश्रम के सचिव ज्ञान सिंह रावत, यूएसआइडी के वरिष्ठ सलाहकार आनंद रूद्रा, नवनीता रूद्रा, शिक्षक व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

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