Uttarakhand Lockdown: लॉकडाउन के चलते घटा सहकारी बैंकों का मुनाफा, पीएफ पर ब्याज की दर 7.1 फीसद
लॉकडाउन का असर राज्य के सहकारी बैंकों के मुनाफे पर भी पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य व जिला सहकारी बैंकों को 59 करोड़ का लाभ हुआ जो 2018-19 के मुकाबले चार करोड़ कम है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन का असर राज्य के सहकारी बैंकों के मुनाफे पर भी पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य व जिला सहकारी बैंकों को 59 करोड़ का लाभ हुआ, जो 2018-19 के मुकाबले चार करोड़ कम है। राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक दीपक कुमार के अनुसार मार्च के आखिर सप्ताह में वसूली न होने के कारण बैंकों का एनपीए बढ़ा और इसका असर लाभ पर भी पड़ा है।
प्रदेश में 10 जिला सहकारी बैंक और एक राज्य सहकारी बैंक अपनी 265 शाखाओं के माध्यम से लोगों को बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 की हाल में जारी बैलेंस शीट के मुताबिक सहकारी बैंकों ने इस अवधि में 59.79 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इसमें राज्य सहकारी बैंक का लाभ सबसे अधिक 14.13 करोड़ है।
जिला सहकारी बैंकों में चमोली ने सबसे अधिक 7.33 करोड़ का लाभ अर्जित किया, जबकि हरिद्वार ने सबसे कम 1.59 करोड़ का। ओवरऑल सहकारी बैंकों ने जो मुनाफा अर्जित किया, वह वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुकाबले करीब चार करोड़ कम है। 2018-19 में सहकारी बैंकों ने 63 करोड़ से ज्यादा का लाभ अर्जित किया था।
दूसरी तरफ, सहकारी बैंकों की 34 शाखाएं अभी भी घाटे से नहीं उबर पाई हैं। इनमें ऊधमसिंहनगर की सात, देहरादून की छह, नैनीताल की पांच, चमोली व हरिद्वार की चार-चार, पिथौरागढ़ की तीन, टिहरी की दो, और अल्मोड़ा, कोटद्वार व उत्तरकाशी की एक-एक शाखाएं शामिल हैं। बैंक प्रबंध निदेशक के मुताबिक 2018-19 में घाटे में चल रही शाखाओं की संख्या 90 थी, जो अब 34 पर आ गई हैं।
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पीएफ पर तीन माह को 7.1 फीसद ब्याज दर
उत्तराखंड में सरकारी कार्मिकों की पीएफ में जमा धनराशि पर एक अप्रैल से आगामी 30 जून तक ब्याज की दर 7.1 फीसद रहेगी। इस संबंध में वित्त सचिव अमित नेगी ने आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में उत्तराखंड सामान्य भविष्य निधि नियमावली, 2006, अंशदायी भविष्य निधि (उत्तरप्रदेश) नियमावली व उत्तरप्रदेश अंशदायी भविष्य निधि पेंशन नियमावली, 1984 (उत्तराखंड में यथाप्रवृत्त) एवं उत्तराखंड में लागू अंशदायी पेंशन योजना के प्रविधानों के मुताबिक राज्यपाल की मंजूरी के बाद उक्त आदेश जारी किया गया है। ब्याज की नई दरें एक अप्रैल, 2020 से लागू मानी जाएंगी।