अंधड़ से अंधेरे में डूबा दून, पानी की आपूर्ति ठप; पेड़ गिरने से किसान की मौत

उत्तराखंड में हर शाम तेज आंधी के चलते लोगों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। दून में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है वहीं रुड़की में पेड़ गिरने से किसान की मौत हो गई।

By Edited By: Publish:Thu, 02 May 2019 10:04 PM (IST) Updated:Fri, 03 May 2019 07:51 PM (IST)
अंधड़ से अंधेरे में डूबा दून, पानी की आपूर्ति ठप; पेड़ गिरने से किसान की मौत
अंधड़ से अंधेरे में डूबा दून, पानी की आपूर्ति ठप; पेड़ गिरने से किसान की मौत

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में हर शाम तेज आंधी के चलते लोगों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। दून में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है, वहीं रुड़की में पेड़ गिरने से इसकी चपेट में आकर किसान की मौत हो गई।

अंधड़ से बुधवार रात पटरी से उतरी दून की बिजली व्यवस्था गुरुवार को भी भी बहाल नहीं हो पाई थी। जगह-जगह बिजली के तारों पर पेड़ गिरने, दूसरी लाइनों पर शिफ्टिंग से लोड बढ़ जाने से बिजली की आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई। गुरुवार दोपहर तक कुछ हिस्सों में आपूर्ति बहाल की गई तो शाम के समय फिर अंधड़ चलने से ऊर्जा निगम को करीब साढ़े छह बजे ब्रेकडाउन लेना पड़ गया। इससे दून के दो लाख से अधिक घर चार घंटे से अधिक समय तक अंधेरे में डूबे रहे। 

लगातार दो दिन से आंधी के साथ बारिश होने से दून सहित समूचे उत्तराखंड में लोगों को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। बारिश से तापमान में गिरावट आने से गर्मी से कुछ राहत तो मिली, लेकिन शाम के समय तेज आंधी चलने से बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो रही है। यही नहीं पेड़ गिरने से भी परेशानी में इजाफा हो रहा है।

बिजली की आपूर्ति बुधवार व गुरुवार को बार-बार बाधित होने के चलते इसका असर पेयजल की आपूर्ति पर भी पड़ा। वहीं, लंबे समय तक भी स्थिति सामान्य न होने से लोगों के घरों के इन्वर्टर भी जवाब दे गए, जिससे लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। 

बिजली गुल होने का सिलसिला बुधवार को तब शुरू हो गया था, जब अंधड़ के चलते एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बंद करनी पड़ गई। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक क्षेत्रों में बिजली की तारों पर पेड़ गिरने व तेज हवाओं से तार टूट जाने के चलते तीन से लेकर सात-आठ घंटे तक बिजली की आपूर्ति ठप रही। 

इनमें बिंदाल, गोविंदगढ़, आराघर, परेड ग्राउंड, पटेल रोड, अनारवाला, डाकपट्टी, कुंज भवन, क्यारकुली, हाथीबड़कला, सहस्रधारा, सहारनपुर रोड, निरंजनपुर, कारगी, टर्नर रोड, ट्रांसपोर्ट नगर, कौलागढ़, वसंत विहार के सब स्टेशनों व इससे संबंधित दर्जनों फीडर शामिल रहे। 

बिजली गुल होने के बाद ऊर्जा निगम अधिकारियों से लेकर शिकायत संबंधी नंबर घनघनाने लगे थे, मगर अधिकांश समय कॉल रिसीव ही नहीं किए गए। जिन क्षेत्रों में लंबे समय तक बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई, वहां लोगों के पावर बैकअप (इन्वर्टर) ने भी जवाब दे दिया। 

इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई। लोगों ने तब कुछ राहत की सांस ली, जब दोपहर तक बिजली की आपूर्ति बहाल होने लगी। हालांकि, गुरुवार शाम साढ़े छह बजे अंधड़ चलने से ऊर्जा निगम को अपने स्तर पर ही ब्रेकडाउन करना पड़ गया। यह ब्रेकडाउन लगभग पूरे शहर में रहा और धीरे-धीरे कर रात करीब 10 बजे तक आपूर्ति बहाल की जा सकी। 

जिन क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल भी कर ली गई थी, वहां भी आंख-मिचौनी जारी रही। क्योंकि इसके बाद भी कई इलाकों में फॉल्ट आने की शिकायत मिलती रही, जिसे दुरुस्त करने का काम देर रात तक जारी था। 

यहां रही सर्वाधिक बाधित रही बिजली आपूर्ति (बुधवार रात) 

-मोथरोंवाला, केदारपुरम, बंजारावाला में रात एक बजे से सुबह आठ बजे तक। -प्रेमनगर क्षेत्र में पीतांबरपुर, मोहनपुर, गणेशपुर, बनियावाला, स्मिथनगर, बड़ोवाला आदि क्षेत्र में देर रात से सुबह करीब नौ बजे तक। 

-आराघर फीडर से जुड़े धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी समेत बड़े इलाके में पांच घंटे बिजली व्यवस्था प्रभावित रही। 

-धामावाला फीडर से जुड़े क्षेत्रों में रात 11 बजे आपूर्ति बाधित होने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो 3 घंटे 50 मिनट तक जारी रहा। 

-त्यागी रोड फीडर से संबंधित इलाकों में रात 10.30 से मध्य रात्रि के बाद डेढ़ बजे तक आपूर्ति बाधित रही। 

-ननूरखेड़ा, रायपुर में सुबह छह बजे से करीब नौ बजे तक। 

लाइनों पर लोड बढ़ने से भी बत्ती गुल 

जिन इलाकों में तेज हवाओं के चलते ब्रेकडाउन लिया गया था, या जहां तारें क्षतिग्रस्त हो गई थीं, वहां दूसरी लाइनों से बिजली की आपूर्ति की गई। इससे लोड बढ़ जाने से जगह-जगह लाइनों के ट्रिप होने की शिकायत भी बढ़ गई। दून में इसी के कारण करीब एक दर्जन इलाकों में बिजली गुल रही। 

नहीं चल पाए 290 ट्यूबवेल 

बुधवार से लगभग पटरी से उतरी बिजली व्यवस्था के कारण जल संस्थान के ट्यूबवेल भी ढंग से नहीं चल पाए। इससे अधिकतर क्षेत्रों में पेयजल किल्लत बढ़ गई है और इसका असर अगले दो दिन तक नजर आने की आशंका है। दून के उत्तर, दक्षिण, रायपुर व पित्थूवाला जोन में करीब 290 ट्यूबवेल हैं और बिजली व्यवस्था चरमराने से एक भी ट्यूबवेल ढंग से नहीं चल पाया। बीच-बीच में बिजली आने के बाद 15 से 30 मिनट तक ट्यूबवेल चल पाए, जिससे ओवरहेड टैंक नहीं भर पाए। 

जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है ओवरहेड टैंक न भरने के कारण अगले दो दिन तक भी पेयजल की आपूर्ति पूरी तरह बहाल कर पाना मुश्किल दिख रहा है।

आंधी से गिरा पेड़ा, किसान की मौत

रुड़की के भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में एक किसान की पेड़ के नीचे दबने से मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब गुरुवार शाम तेज आंधी के चलते सेमल का पेड़ उखड़कर किसान पर गिर गया। घटना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली।

भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव निवासी फरमान (50) पुत्र शब्बीर किसान थे। गुरुवार शाम फरमान खेत में गेहूं काटने के लिए गए थे। इसी दौरान देर शाम सात बजे तेज आंधी चली। इसी बीच खेत में खड़ा एक सेमल का पेड़ उखड़कर किसान के ऊपर गिर गया। जिसके नीचे दबने से उनकी मौत हो गई। जब किसान घर नहीं पहुंचे तो परिजन उनकी तलाश करते हुए खेत में पहुंचे। खेत में फरमान पेड़ के नीचे दबे थे। 

परिजनों ने उन्हें पेड़ के नीचे से निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली। फरमान का शव परिजन गांव में ले गए। भगवानपुर थाना प्रभारी संजीव थपलियाल ने बताया कि सेमल के पेड़ के नीचे दबने से किसान की मौत हुई है।

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