देहरादून में बसता था चाचा नेहरू का मन

देश के पहले प्रधानमंत्री का देहरादून का गहरा लगाव था। वे अपनी मृत्‍यु के एक दिन पहले देहरादून आए थे। फिर इंदिरा के साथ सहस्‍त्रधारा चले गए थे। पढ़ें, वे रोचक किस्‍से।

By gaurav kalaEdited By: Publish:Mon, 14 Nov 2016 08:23 AM (IST) Updated:Tue, 15 Nov 2016 02:00 AM (IST)
देहरादून में बसता था चाचा नेहरू का मन

देहरादून, [जेएनएन]: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का दून से गहरा रिश्ता रहा है। वर्ष 1906 में वह मसूरी आए थे और दून व मसूरी के अतुलनीय सौंदर्य के मुरीद हो गए। देश की आजादी की खातिर वह दून की जेल में चार बार कैद रहे थे। पुरानी जेल की कोठरी में वर्ष 1932 से 1941 के बीच वह 878 दिन कैद रहे।
प्रिंस चौक के पास पुरानी जेल परिसर में बना नेहरू वार्ड आज भी चाचा के संघर्षों की याद दिलाता है। इसी दौरान उन्होंने 'भारत एक खोज' के कई अंश भी लिखे। इसका गवाह जेल परिसर में मौजूद आम का पेड़ है। चांद की रोशनी में वह इस पुस्तक के अंश लिखा करते थे। आज भी यहां पर नेहरू जी का स्नानागार, रसोई, पाकशाला आदि मौजूद हैं। साथ ही वह कमरा भी है, जहां देश का महानायक सोया करता था। खास बात यह कि वर्ष 1939 में 'इंदिरा गांधी के नाम' नामक पत्र भी उन्होंने इसी जेल से लिखा।
लंबे समय बाद ही सही, अब नेहरू वार्ड 'हेरिटेज सेंटर' की शक्ल ले चुका है। यहां नेहरू जी की कोठरी, स्नानघर, पाकशाला आदि को उसी रूप में सहेज कर रखा गया है। उनकी मेज, कुर्सी, पलंग, चादर और टेबल क्लाथ भी यहां है। लोग उनसे मुलाकात करने आते थे, जिस पर सरकार ने बाद में रोक लगा दी थी।

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अंतिम बार सहस्रधारा में किया भोजन
मृत्यु से एक दिन पहले 26 मई को बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू देहरादून आए थे। वह यहां सर्किट हाऊस में कुछ देर के लिए रुके। इसके बाद वह इंदिरा और अन्य परिजनों के साथ सहस्रधारा गए। यहां गंधक की जल धारा में उन्होंने स्नान किया। आज जो लोक निर्माण विभाग का गेस्ट हाउस है, वहां पर उन्होंने विश्राम किया और भोजन भी वहीं किया।
भाता था प्राकृतिक सौंदर्य
पंडित जी को दून का सर्किट हाउस (वर्तमान में राजभवन) बहुत पसंद था। जब भी वह देहरादून आते, यहीं रुकते थे। कारण था यहां का प्राकृतिक सौंदर्य। सर्किट हाउस से नुमाया होते सुंदर पहाड़ उनका मन मोह लेते थे। 160 एकड़ भूभाग में फैले सर्किट हाउस की सुंदरता का उल्लेख उन्होंने विजिटर बुक में भी किया है।

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