पद्म पुरस्कार 2022 : ओलिंपियन वंदना कटारिया को पद्मश्री सम्‍मान, टोक्यो ओलिंपिक में हैट्रिक गोल मारकर आई थी चर्चाओं में

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी है। जिसमें उत्‍तराखंड के हरिद्वार की रहने वाली हाली खिलाड़ी वंदना कटारिया का नाम शामिल है। उन्‍होंने टोक्यो ओलिंपिक में गोलों की हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 09:26 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 09:26 PM (IST)
पद्म पुरस्कार 2022 : ओलिंपियन वंदना कटारिया को पद्मश्री सम्‍मान, टोक्यो ओलिंपिक में हैट्रिक गोल मारकर आई थी चर्चाओं में
उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। हाकी खेल में अपनी कड़ी मेहनत व संघर्ष के बूते विश्व भर में नाम कमाने वाली उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी है। जिसमें वंदना कटारिया का नाम शामिल है। उत्तराखंड के लिए यह गौरव का पल है।

हरिद्वार के रोशनाबाद गांव निवासी वंदना कटारिया किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। टोक्यो ओलिंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में गोलों की हैट्रिक लगाकर वंदना कटारिया ने इतिहास रच दिया था। वंदना की यह हैट्रिक स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो गई। विगत वर्ष वंदना कटारिया को टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।

पद्मश्री मिलने की खबर के बाद परिवार में खुशी का माहौल

अब वंदना को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। वंदना कटारिया के भाई सौरभ कटारिया ने बताया कि वंदना को पद्मश्री मिलने की खबर के बाद से परिवार में खुशी का माहौल है। आस पड़ोस में मिठाई बांटकर खुशी मनाई गई है। बताया कि दोपहर में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वंदना से बातचीत हुई थी, तभी वंदना ने पद्मश्री मिलने की सूचना दी। वंदना विश्व कप की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसलिए फोन पर बातचीत नहीं हो पाई। वंदना कटारिया को उत्तराखंड सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तीकरण अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी बनाया हुआ है।

वंदना अर्जुन पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित

बीते साल नवंबर में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने वंदना कटारिया को अर्जुन पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।

कभी हाकी स्टिक और जूते खरीदने के नहीं थे पैसे

वंदना कटारिया उस दौर से भी गुजरी जब अपनी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं होते थे। वह हाकी स्टिक और जूते भी नहीं खरीद पाती थी। हास्टल की छुट्टी होने पर जब सभी खिलाड़ी अपने घर चले जाते थे, तब वंदना कटारिया अकेले ही हास्टल में रहती थीं। वंदना के अनुसार, इस मौके पर हमेशा उनकी कोच पूनम लता ने उसकी मदद की।

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