Milk Rate : सावधान! पोषण देने के बजाए कई सेहत न बिगाड़ दे दूध, राजधानी में चल रहा मिलावट का गंदा खेल

पिछले एक दशक में दून की आबादी तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में देहरादून शहर में रोजाना करीब पांच लाख लीटर दूध की खपत होती है। त्योहार के वक्त यह खपत तकरीबन सवा लाख लीटर तक बढ़ जाती है। इस मांग को पूरा करने के लिए यूपी के सहारनपुर मुजफ्फरनगर व मेरठ से भी कई हजार लीटर दूध रोजाना दून पहुंचता है।

By Sukant mamgain Edited By: Mohammed Ammar Publish:Sun, 17 Mar 2024 11:45 PM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2024 11:45 PM (IST)
Milk Rate : सावधान! पोषण देने के बजाए कई सेहत न बिगाड़ दे दूध, राजधानी में चल रहा मिलावट का गंदा खेल
पोषण देने के बजाए कई सेहत न बिगाड़ दे दूध, राजधानी में चल रहा मिलावट का गंदा खेल

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में दूध के श्वेत नजर आने वाले कारोबार में कितना काला खेल चल रहा, यह पक्ष अभी भी अंधेरे में है। शहर में एकाध नहीं, बल्कि कई हजार लीटर ऐसा दूध सप्लाई होता है, जो संदेह के घेरे में है, पर सिस्टम ने तकरीबन 13 लाख की आबादी की सेहत रामभरोसे छोड़ दी है। ऐसे में सेहत दुरुस्त करने वाला दूध कभी भी सेहत नासाज कर सकता है।

पिछले एक दशक में दून की आबादी तेजी से बढ़ी है। इसी कारण दूध व दुग्ध उत्पाद की मांग भी कई गुना बढ़ गई है। वर्तमान में देहरादून शहर में रोजाना करीब पांच लाख लीटर दूध की खपत होती है। त्योहार के वक्त यह खपत तकरीबन सवा लाख लीटर तक बढ़ जाती है। इस मांग को पूरा करने के लिए यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व मेरठ से भी कई हजार लीटर दूध रोजाना दून पहुंचता है।

इसी दूध में सबसे ज्यादा मिलावट का 'खेल' हो रहा। इन कारोबारियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वे इस दूध की सप्लाई न सिर्फ दून, बल्कि सूबे के अन्य क्षेत्रों में भी बेखौफ कर चांदी काट रहे हैं। सरकारी तंत्र की हालत यह है कि वह मिलावटी दूध के इस नेटवर्क को तोड़ने में अब तक नाकाम ही रहा है। कभी-कभार सैंपल भर वह अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देता है।

दूध एवं दुग्ध उत्पाद में मिलावट रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। वर्तमान समय में शहर के सभी प्रवेश द्वार पर नजर रखी जा रही है। आने वाले दिनों में इस अभियान में तेजी लाई जाएगी। दुग्ध एवं डेयरी विकास विभाग के साथ संयुक्त रूप से अभियान संचालित किया जाएगा।

पीसी जोशी, जिला अभिहित अधिकारी

ऐसे करें दूध की जांच, पानी की मिलावट

एक प्लेट या ढलान वाली सतह पर दूध की एक बूंद डालें। शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे सफेद लकीर छोड़ते हुए नीचे आ जाएंगी, जबकि पानी की मिलवाट वाली बूंद बिना कोई निशान छोड़े बह जाएंगी। किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाएं, अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार-सा निशान बन जाए, तो दूध शुद्ध है।

यूरिया की मिलावट

एक चम्मच दूध को टेस्ट ट्यूब में डालें। उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डालें। इसे अच्छी तरह से मिला लें। पांच मिनट बाद, एक लाल लिटमस पेपर डालें। आधे मिनट बाद अगर पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए, तो दूध में यूरिया है।

डिटर्जेंट वाला दूध

दूध को सूंघिए, अगर उसमें साबुन जैसी गंध आए तो समझिए कि दूध में मिलावट की गई है। 5 से 10 मिलीलीटर दूध को उतने ही पानी में मिला कर हिलाएं, अगर झाग बनते हैं, तो समझिए इसमें डिटर्जेंट है।

सिंथेटिक दूध

सिंथेटिक दूध का स्वाद कड़वा होता है। उंगलियों के बीच रगड़ने से साबुन जैसा लगता है और गर्म करने पर पीला हो जाता है। सिंथेटिक दूध में प्रोटीन की मात्रा है या नहीं, इसकी जाच दवा की दुकान पर मिलने वाली यूरीज स्ट्रिप से की जा सकती है। इसके साथ मिली रंगों की सूची दूध में यूरिया की मात्रा बता देगी।

यूं भी करें पहचान

स्वाद- असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।

रंग- स्टोर करने पर असली दूध अपना रंग नहीं बदलता। नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है।

चिकनाहट- दूध को हथेलियों के बीच रख कर उसे रगड़ें। अगर चिकनाहट महसूस नहीं होती है, तो दूध असली है। नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे, तो आपको चिकनाहट महसूस होगी।

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