भ्रष्टाचार में गिरफ्तार मिश्रा को भेजा जेल, हाथ जोड़ने और मुस्कुराहट का क्या है राज

विजिलेंस कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार मृत्युंजय मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार सुद्धोवाला भेज दिया।

By Edited By: Publish:Wed, 05 Dec 2018 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 05 Dec 2018 10:11 AM (IST)
भ्रष्टाचार में गिरफ्तार मिश्रा को भेजा जेल, हाथ जोड़ने और मुस्कुराहट का क्या है राज
भ्रष्टाचार में गिरफ्तार मिश्रा को भेजा जेल, हाथ जोड़ने और मुस्कुराहट का क्या है राज

देहरादून, जेएनएन। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को मंगलवार को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के दौरान उसके चेहरे पर जरा भी शिकन नहीं दिखी। अदालत में प्रवेश करने से पूर्व मीडिया ने जब सवाल पूछे तो हल्की मुस्कुराहट के हाथ उसने हाथ जोड़ लिए। उसकी मुस्कुराहट के पीछे क्या राज छिपे हैं, आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी। 

बता दें, आयुर्वेद विवि के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को सोमवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे में सोमवार को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया। मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच विजिलेंस उसे लेकर अदालत पहुंची। मृत्युंजय के आने से पहले कोतवाल शिशुपाल नेगी व लक्ष्मण चौक चौकी इंचार्ज नरोत्तम बिष्ट के साथ करीब एक दर्जन पुलिस कर्मियों को विजिलेंस कोर्ट के आसपास तैनात कर दिया गया था। विजिलेंस उसे लेकर अदालत परिसर पहुंची, जहां से उसे पहले सरकारी अधिवक्ता जीसी पंचोली के चैंबर में ले जाया गया। 

यहां से उसे पुलिस के घेरे में विशेष न्यायाधीश विजिलेंस अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार खुल्बे की अदालत में ले जाया गया। विजिलेंस कोर्ट में ले जाने के दौरान मृत्युंजय मिश्रा शांत नजर आया। उससे जब यह पूछा गया कि उस पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लग रहे हैं, उसे लेकर कुछ कहना है तो उसने हाथ जोड़ लिए और मुंह में सुपारी चबाते केवल धीरे-धीरे मुस्कुराता रहा। उधर, अदालत में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने मृत्युंजय मिश्रा की पत्रावली कोर्ट के सामने रखी।

अदालत ने बचाव पक्ष से अपनी बात रखने को कहा तो मिश्रा के अधिवक्ता एमएस पंत ने कहा कि उन्हें अभी तक एफआइआर की कापी नहीं मिली हैं। लिहाजा अदालत ने अभियोजन पक्ष से तत्काल बचाव पक्ष को एफआइआर की कापी उपलब्ध कराने के लिए कहा। भोजनावकाश के बाद अभियोजन पक्ष ने एफआइआर व भ्रष्टाचार से जुड़े साक्ष्यों को कोर्ट के सामने रखा। जिस पर बचाव पक्ष ने कहा कि विजिलेंस के पास उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मृत्युंजय मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार सुद्धोवाला भेज दिया।

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