Mahasamar 2024: देहरादून में होगी पांच राज्यों के लिए 4.5 लाख ब्रेल बैलेट की छपाई, इस संस्थान ने की रूप रेखा तैयार
Mahasamar 2024 लोकतंत्र के महापर्व में दृष्टि दिव्यांग मतदाता भी अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। देहरादून स्थित एनआइईपीवीडी ने ब्रेल बैलेट पेपर छापने के लिए रूपरेखा तैयार कर दी है। संस्थान में पांच राज्यों की कुल 139 लोकसभा सीटों के लिए ब्रेल बैलेट पेपर की छपाई की जाएगी। वर्तमान में संस्थान में विभिन्न राज्यों के तकरीबन 550 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
HighLights
- देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान ने ब्रेल बैलेट छापने की रूप रेखा की तैयारी
- पांच राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व बिहार के लिए होगी ब्रेल बैलेट पेपर की छपाई
जयदीप झिंक्वाण, देहरादून: Mahasamar 2024: लोकतंत्र के महापर्व में दृष्टि दिव्यांग मतदाता भी अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। इसे लेकर देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) ने ब्रेल बैलेट पेपर छापने के लिए रूपरेखा तैयार कर दी है।
संस्थान की ब्रेल प्रेस में पांच राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व बिहार के लिए 4.5 लाख ब्रेल बैलेट छापे जाएंगे। इनकी छपाई भारत निर्वाचन आयोग की निगरानी में की जाएगी।
संस्थान में पांच राज्यों की कुल 139 लोकसभा सीटों के लिए ब्रेल बैलेट पेपर की छपाई की जाएगी। पिछले लोकसभा चुनावों के अनुमानित आंकड़ों के हिसाब से प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए 2,500 से 3,000 ब्रेल बैलेट पेपर की छपाई की जाएगी।
एनआइईपीवीडी के कार्यकारी निदेशक मनीष वर्मा ने बताया दृष्टि दिव्यांग मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें, इसके लिए संस्थान गंभीर है। उत्तराखंड के सभी पांच संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 12,500 ब्रेल बैलेट छापे जा रहे हैं, जो हर संसदीय क्षेत्र में प्रत्येक बूथ पर भेजे जाएंगे।
इसके अलावा संस्थान परिसर में आदर्श मतदान बूथ भी स्थापित किया जाएगा। ताकि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ बाहरी दृष्टि दिव्यांग मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। वर्तमान में संस्थान में विभिन्न राज्यों के तकरीबन 550 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
स्वीप सांग से किया जाएगा जागरूक
प्रत्येक राज्य के दिव्यांगों तक लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने का संदेश पहुंचाया जा सके, इसके लिए भाषा के आधार पर स्वीप सांग तैयार किया जाएगा। ताकि दिव्यांगजन लोकतंत्र के इस महायज्ञ में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकें। सभी वर्गों को ध्यान में रख स्वीप सांग तैयार करने का निर्णय लिया गया।