Lok Sabha Election 2024: उत्‍तराखंड में भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर, बसपा का भरोसा सेंधमारी पर; पढ़ें पांचों सीटों के समीकरण

Lok Sabha Election 2024 इस बार भी राज्य में भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही आमने-सामने की टक्कर होने जा रही है। भाजपा को पूरा भरोसा है कि मोदी फैक्टर पूरे राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगा। बसपा मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाताओं के बूते हरिद्वार व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीटों पर तीसरा कोण बनने की कोशिश कर रही है।

By Vikas dhulia Edited By: Nirmala Bohra Publish:Thu, 18 Apr 2024 07:56 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2024 07:56 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: उत्‍तराखंड में भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर, बसपा का भरोसा सेंधमारी पर; पढ़ें पांचों सीटों के समीकरण
Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा

HighLights

  • उत्तराखंड में शुरुआत से ही कमल और हाथ के इर्द-गिर्द सिमटता दिखा चुनावी रण
  • हरिद्वार व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीटों पर बसपा सामाजिक समीकरणों के सहारे मैदान में
  • तीन सीटों पर निर्दलीय समेत कुछ प्रत्याशियों की उपस्थिति दर्ज कराने की है जी तोड़ कोशिश

विकास धूलिया, जागरण, देहरादून। Lok Sabha Election 2024: लगभग एक महीने चले अभियान के बाद बुधवार शाम को उत्तराखंड में प्रचार का शोर थम गया। देश की 18वीं लोकसभा चुनने के लिए होने वाले चुनाव के पहले चरण में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा।

इस बार भी राज्य में भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही आमने-सामने की टक्कर होने जा रही है। यद्यपि, बसपा मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाताओं के बूते हरिद्वार व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीटों पर मुकाबले का तीसरा कोण बनने की कोशिश कर रही है।

भाजपा को पूरा भरोसा है कि मोदी फैक्टर पूरे राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगा, जबकि कांग्रेस की उम्मीदें 10 वर्ष की एंटी इनकंबेंसी पर टिकी हुई हैं। भाजपा जहां खुलकर प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जन समर्थन मांग रही है, वहीं कांग्रेस की कोशिश अलग-अलग सीटों पर भाजपा को स्थानीय मुद्दों पर घेरने की रही, ताकि मोदी से सीधे मुकाबले से बचा जा सके।

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 83.37 लाख मतदाता

राम मंदिर निर्माण व राज्य में केंद्र की मदद से चल रही विकास परियोजनाओं का विषय भी चुनाव में प्रभावी रहेगा। इस सबके बावजूद मतदाताओं की खामोशी चुनावी ऊंट की करवट का अंदाजा नहीं लगाने दे रही है। उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 83.37 लाख मतदाता कुल 55 प्रत्याशियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। परंपरागत रूप से यहां महासमर के मुख्य मुकाबले में भाजपा और कांग्रेस ही आमने-सामने रहती हैं और इस चुनाव में भी तस्वीर कुछ अलग नहीं।

वैसे, हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर बसपा की कोशिश मुकाबले को त्रिकोणीय शक्ल देने की है, लेकिन उसे मिलने वाले मत किसे फायदा या नुकसान पहुंचाएंगे, बसपा की भूमिका इस दृष्टिकोण से अवश्य निर्णायक हो सकती है। क्षेत्र विशेष के मुद्दों को लेकर अलग-अलग सीटों पर मैदान में उतरे निर्दलीय समेत कुछ प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं, लेकिन जीत-हार के अंतर को प्रभावित करने के अलावा इनकी भूमिका चुनाव में क्या रहती है, यह नतीजों के बाद ही साफ होगा।

वर्ष 2014 व 2019 के बाद लगातार तीसरी बार पांचों सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा स्टार प्रचारकों के मामले में कांग्रेस से कहीं आगे रही। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धुंआधार प्रचार किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं प्रचार अभियान के मोर्चे पर डटे रहे। उधर, कांग्रेस के लिए बड़े नेताओं में केवल केवल प्रियंका गांधी वाड्रा ही उत्तराखंड पहुंचीं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी यहां एक जनसभा की। मतदान के लिए अब लगभग 24 घंटों का ही समय बचा है, लेकिन मतदाता की खामोशी ने राजनीतिक तापमान को बढ़ाने के बजाय स्थिर रखा है। पिछले चुनावों की भांति दीवार लेखन, पोस्ट-बैनर और झंडे शहरी क्षेत्रों में कम ही सही, दिख रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाके अब भी सूने ही नजर आ रहे हैं।

टिहरी गढ़वाल

संसदीय सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही नजर आ रहा है। राज परिवार की पारंपरिक इस सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में तीन बार की सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह को चुनौती दे रहे हैं कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला

गढ़वाल

गढ़वाल संसदीय सीट पर राज्यसभा सदस्य रहे और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से है। भौगोलिक रूप से यह संसदीय सीट राज्य में सबसे विस्तृत और विषम मानी जाती है।

हरिद्वार

हरिद्वार संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस के साथ बसपा मुकाबले का तीसरा कोण बनने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने ताल ठोक रहे हैं कांग्रेस के वीरेंद्र रावत, जो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र हैं। बसपा ने उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक जमील अहमद को उतारा है। हरिद्वार जिले की खानपुर सीट से विधायक उमेश कुमार क्षेत्र विशेष के समर्थकों की ताकत के बूते निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं।

अल्मोड़ा

इस सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर तय है। भाजपा से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा के सामने कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा चुनाव मैदान में हैं। ये दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। चुनावी गहमागहमी के बीच मतदाताओं की खामोशी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ा रही है।

नैनीताल-ऊधम सिंह नगर

नेपाल की सीमा से सटी इस सीट पर जरूर शहरी क्षेत्रों में चुनावी रौनक नजर आ रही है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सन्नाटा पसरा है। भाजपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट से लोहा ले रहे हैं कांग्रेस के प्रकाश जोशी, जो पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हैं। बसपा प्रत्याशी के रूप में अख्तर अली मैदान में हैं। संसदीय सीट-मतदाता संख्या- प्रत्याशी टिहरी गढ़वाल-15,77,664 -11 गढ़वाल-13,69,388 -13 हरिद्वार-20,35,726 -14 नैनीताल-ऊधम सिंह नगर-20,15,809 -10 अल्मोड़ा-13,39,327 -07 कुल-83,37,914- 55

वर्ष 2019 के चुनाव में मतदान प्रतिशत

कुल मतदान -भाजपा-      कांग्रेस 61.88 - 61.01 - 31.40

वर्ष 2019 में विजयी प्रत्याशियों को प्राप्त मत

सीट - दल-प्रत्याशी - कुल प्राप्त मत टिहरी गढ़वाल-भाजपा, माला राज्य लक्ष्मी शाह-64.50 गढ़वाल-भाजपा-तीरथ सिंह रावत-68.30 हरिद्वार-भाजपा-रमेश पोखरियाल निशंक-52.40 नैनीताल-ऊधम सिंह नगर-भाजपा-अजय भट्ट-61.04 अल्मोड़ा-भाजपा-अजय टम्टा-64.01
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