उत्‍तराखंड : अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन प्रकरण की जांच शुरू, पढ़िए पूरी खबर

लव जिहाद को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच सूबे के टिहरी जिले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना की सूचना सार्वजनिक किए जाने के प्रकरण की जांच शुरू हो गई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 06:30 AM (IST)
उत्‍तराखंड : अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन प्रकरण की जांच शुरू, पढ़िए पूरी खबर
टिहरी में अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना की सूचना सार्वजनिक किए जाने के प्रकरण की जांच शुरू हो गई है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लव जिहाद को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच टिहरी जिले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना की सूचना सार्वजनिक किए जाने के प्रकरण की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने बीते रोज ही सचिव समाज कल्याण को जांच के आदेश दिए थे। मंगलवार को प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने सचिवालय में सचिव समाज कल्याण के समक्ष अपना पक्ष रखा।

टिहरी जिले में प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी ने शुक्रवार को अंतरधार्मिक विवाह योजना के बारे में सार्वजनिक सूचना जारी की थी। समाज कल्याण विभाग की इस योजना में अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह के लिए बतौर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये देने का प्रविधान है। यह कानून अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर से अस्तित्व में है। प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार ने इस योजना में प्रोत्साहन राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी थी। इस योजना के संबंध में प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी की ओर से जारी सूचना से बवाल मच गया था।

बता दें कि मौजूदा प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून लागू किया था। इसमें जबरन, प्रलोभन, जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। ऐसे में अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि को लेकर सरकार को असहज होना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने प्रकरण की मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए थे।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन का मामला, CS ने समाज कल्याण सचिव को दिए जांच के आदेश

मुख्य सचिव ने बीते रोज समाज कल्याण सचिव एल फैनई को प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। सूत्रों के अनुसार टिहरी के प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने मंगलवार को सचिव समाज कल्याण के समक्ष पक्ष रखा। उनका कहना था कि यह योजना पहले से चली आ रहा है और रूटीन प्रक्रिया के तहत इसकी सूचना सार्वजनिक की गई थी।

यह भी पढ़ें: Love Jihad: उत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त करने की तैयारी, यहां 2018 में बन चुका है लॉ

chat bot
आपका साथी