रेड जोन से आने वालों के हाथों पर लगेगी अमिट मुहर

अब रेड जोन क्षेत्र से ट्रेन के जरिये आने वाले यात्रियों के हाथ पर संस्थागत क्वारंटाइन के संबंध में पक्की स्याही से अमिट मुहर लगाई जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 10:10 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 10:10 PM (IST)
रेड जोन से आने वालों के हाथों पर लगेगी अमिट मुहर
रेड जोन से आने वालों के हाथों पर लगेगी अमिट मुहर

राज्य ब्यूरो, देहरादून: अब रेड जोन क्षेत्र से ट्रेन के जरिये आने वाले यात्रियों के हाथ पर संस्थागत क्वारंटाइन के संबंध में पक्की स्याही से अमिट मुहर लगाई जाएगी। इसमें इनके 14 दिन के क्वारंटाइन का जिक्र किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने ट्रेन से आने-जाने वालों के लिए मानक निर्धारण प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके अनुसार आयुक्त व आइजी गढ़वाल व कुमाऊं को अपने-अपने मंडलों में रेलवे से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है।

रविवार को शासन ने ट्रेन से आने-जाने वाले यात्रियों के संबंध में एसओपी जारी की। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जिला प्रशासन चिह्नित रेलवे स्टेशनों में लाइजन ऑफिसर्स की तैनाती करेंगे, जिसमें स्वास्थ्य विभाग का एक अधिकारी भी शामिल रहेगा। इसके अलावा हर स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। यह डेस्क आने वाले सभी यात्रियों की शारीरिक दूरी के मानकों के साथ थर्मल स्केनिंग व अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करेगी। डेस्क आने वाले यात्रियों के नाम व पते समेत सभी सूचनाएं भी एकत्र करेगी। रेड जोन से आने वाले सभी यात्रियों के उल्टे हाथ पर अमिट स्याही से स्टांप लगाया जाएगा। इसमें 'प्राउड टू प्रोटेक्ट उत्तराखंड-इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन' अंकित होगा। प्रदेश के नोडल अधिकारी ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन में यात्रियों की स्क्रीनिंग करना सुनिश्चित कराएंगे। जिला नोडल अधिकारी इन आने-जाने वाले यात्रियों के वाहन की व्यवस्था करेंगे। इस दौरान रेलवे स्टेशनों में आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य टीमों को भी तैनात किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन से आने वाले यात्रियों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रखा जाएगा।

आवश्यक कार्यो, व्यापार के सिलसिले और तकनीकी विशेषज्ञों को निर्धारित क्वारंटाइन केंद्रों में रहना होगा। उन्हें केवल कार्यस्थल से आने-जाने की छूट रहेगी। वे 14 दिन की क्वारंटाइन शर्त से मुक्त रहेंगे। काम समाप्त होने के पश्चात उन्हें गृह जिलों को वापस जाना होगा।

chat bot
आपका साथी