भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने तैयार की कैंसर मुक्त पेट्रोल की तकनीक

देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) ने कैंसर का कारक बनने वाली बेंजीन को पेट्रोल से मुक्त करने की तकनीकी ईजाद कर ली है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 22 Aug 2017 03:05 PM (IST) Updated:Tue, 22 Aug 2017 08:46 PM (IST)
भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने तैयार की कैंसर मुक्त पेट्रोल की तकनीक
भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने तैयार की कैंसर मुक्त पेट्रोल की तकनीक

देहरादून, [सुमन सेमवाल]: कैंसर का कारक बनने वाली बेंजीन को पेट्रोल से मुक्त करने की तकनीकी देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) ने ईजाद कर ली है। खास बात यह है कि इस तकनीक से निर्मित पेट्रोल यूस (युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका) ग्रेड पेट्रोल से भी बेहतर है। यूस ग्रेड पेट्रोल में बेंजीन की मात्रा 0.6 फीसद होती है, जबकि आइआइपी की तकनीक से निर्मित पेट्रोल में बेंजीन की मात्रा नगण्य स्थिति में 0.1 फीसद ही है। अब इस तकनीक के आधार पर अमेरिका में रिलायंस के माध्यम से तेल की आपूर्ति शुरू की जा चुकी है, जबकि चीन में इसके लिए पेटेंट का रजिस्ट्रेशन भी करा लिया गया है। 

आइआइपी के निदेशक डॉ. अंजन रे के मुताबिक इस तकनीक को ईजाद करने में पूर्व निदेशक डॉ. एमओ गर्ग, पूर्व वैज्ञानिक व वर्तमान में तकनीकी सलाहकार श्रीकांत नानौटी व वैज्ञानिक भगतराम नौटियाल की विशेष भूमिका रही। पेट्रोल में बेंजीन की मात्रा को यूस ग्रेड या उससे कम पर लाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आग्रह किया था। 

भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज की पेट्रोल की बिक्री बंद होने का बाद कंपनी अमेरिका में तेल निर्यात करना चाहती थी। हालांकि इसके लिए पेट्रोल में बेंजीन की मात्रा 0.6 या इससे कम होनी जरूरी थी। इसके बाद साझा शोध के रूप में एरोमेटिक एक्सट्रेक्टिव डिस्टिलेशन तकनीक के माध्यम से पेट्रोल में बेंजीन की मात्रा को न्यूनतम स्तर पर लाया गया। इससे बेंजीन पेट्रोल से न सिर्फ अलग होने लगा, बल्कि इसकी मात्रा विश्व में न्यूनतम स्तर 0.1 फीसद पर आ गई। 

निदेशक डॉ. अंजन के मुताबिक अमेरिका व चीन में सबसे अधिक रिइाफनरी हैं। अमेरिका में रिलायंस से अलग भी तकनीक बेचने की तैयारी है, क्योंकि उत्तरी अमेरिका में ही तेल की करीब 35 रिफाइनरी हैं और दक्षिणी अमेरिका के ब्राजील, अर्जेंटीना, कोरिया जैसे देशों में भी विभिन्न कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। इसी क्रम में चीन से भी संपर्क किया गया था, लेकिन वहां पेटेंट रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता के चलते पहले रजिस्ट्रेशन कराया गया।

 बेंजीन के शरीर में प्रवेश करने पर होता है कैंसर

आइआइपी के पूर्व निदेशक व आइआइटी मुंबई के प्रोफेसर डॉ. एमओ गर्ग के मुताबिक पेट्रोल की भाप हवा में घुलकर सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल में जितनी अधिक मात्रा बेंजीन की होगी, वह शरीर के लिए उतना ही हानिकारक होगा।

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