दुर्गा पूजन के साथ हामरो दशैं का आगाज

दशहरा के अवसर पर मनाए जाने वाले गोरखा समाज के प्रसिद्ध त्योहार हामरो दशैं का आगाज हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:15 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 07:15 PM (IST)
दुर्गा पूजन के साथ हामरो दशैं का आगाज
दुर्गा पूजन के साथ हामरो दशैं का आगाज

जागरण संवाददाता, देहरादून : दशहरा के अवसर पर मनाए जाने वाले गोरखा समाज के प्रसिद्ध त्योहार हामरो दशैं का आगाज हो गया। गोर्खाली सुधार सभा की ओर से सभा भवन के मनेकशां सभागार में त्योहार की शुरुआत मां दुर्गा की पूजा अर्चना के साथ की गई। आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बाहर से कलाकारों को आमंत्रित नहीं किया गया था। गोर्खाली सुधार सभा के कौसेली संगीत समूह ने अपने गीतों की प्रस्तुति से सभी अतिथियों का मनोरंजन किया।

शुक्रवार को कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक गणेश जोशी, सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, राज्यमंत्री टीडी भूटिया, सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजन क्षेत्री, उपाध्यक्ष पूजा सुब्बा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत दुर्गा वंदना के साथ हुई। सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा ने कहा कि प्रतिवर्ष हामरो दशैं कार्यक्रम का आयोजन भव्य रूप में किया जाता रहा है। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए सूक्ष्म रूप में ही कार्यक्रम मनाया जाएगा। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने सभी को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दीं और जनता से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की। कार्यक्रम में सभा की ओर से स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए गढ़ीकैंट, डाकरा की अंकिता प्रधान और मोहब्बेवाला की पायल राना को सिलाई मशीन प्रदान की गई।

इस अवसर पर सेनि. ब्रिगेडियर पीएस गुरुंग, कर्नल सीबी थापा, कर्नल जीवन क्षेत्री, मधुसूदन शर्मा, बीके बराल, जितेंद्र खत्री, वाईबी थापा, शंकर थापा, पूर्णिमा प्रधान, बिमला थापा समेत अन्य लोग मौजूद रहे। लगाते हैं दही चावल का टीका

दशहरा पर्व गोर्खा समाज का महत्वपूर्ण त्योहार है। हालांकि इस साल कोरोना के चलते सभी लोग बड़े आयोजन एवं पारिवारिक मिलन से बच रहे हैं। इसमें नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। विजय दशमी के दिन घर के बडे़-बुजुर्ग परिवार के सभी सदस्यों को दही-चावल का टीका लगाते हैं एवं सर पर जौ लगाकर आशीर्वाद स्वरूप उपहार एवं दक्षिणा भी देते हैं। गोर्खाली सुधार सभा की मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने बताया कि घर-घर में सामूहिक भोज का आयोजन होता है। जिसमें पारंपरिक गोर्खा व्यंजन परोसे जाते हैं।

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