साइबेरिया से आकर उत्तराखंड की मेहमान बनी बार हेडेड गीज
वकासनगर देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट कंजरवेशन में साइबेरियन पक्षी आने शुरू हो गए है।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में साइबेरिया से बार हेडेड गीज प्रजाति के परिदे भी उत्तराखंड के मेहमान बन गए हैं। वर्तमान में 32 प्रजातियों के परिदे प्रवास को आ चुके हैं। करीब चार हजार प्रवासी परिदों के कारण झील में परिदों का कलरव बढ़ गया है। बोटिग को आने वाले पर्यटक भी परिदों का दीदार कर रहे हैं।
बता दें कि देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में अक्टूबर से मार्च अंत तक विदेशी परिदों का प्रवास रहता है। आसन वेटलैंड में सात अक्टूबर से विदेशी परिदे उत्तराखंड के मेहमान बनने शुरू हो गए थे। सबसे पहले रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, कामन पोचार्ड, कामन कूट व ग्रे लेग गीज चार प्रजातियों के परिदों ने आसन वेटलैंड में डेरा डाला था। वर्तमान में आसन वेटलैंड में तीस प्रजातियों नार्दन शावलर, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, वूली नेक्टड स्ट्राक, स्पाट बिल्ड डक, कामन कारमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, किगफिशर, व्हाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन, कामन मोरहेन, इंडियन कारमोरेंट, रेड नेप्ड आइबीज, काम्ब डक, गेडवाल, कामन टील, स्पाट बिल्ड डक, लिटिल इग्रेट, कामन टील, पाइड किगफिशर, रेड शंक, ग्रीन शंक, ब्लैक विग्ड स्टिल्ट, रुडी शेलडक, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, ग्रे लेगगूज, कामन कूट, कामन पोचार्ड, ग्रेट कारमोरेंट, रीवर लैपिग, रेड वेटेल्ड लेपिग, नाइट हेरोन, नार्दन पिनटेल आदि प्रजातियों के परिदे प्रवास पर हैं। रविवार को साइबेरिया से बार हेडेड गीज प्रजाति के परिदे भी आ चुके हैं। चकराता वन प्रभाग के रेंजर आसन राजेंद्र प्रसाद हिगवाण व वन दारोगा प्रदीप सक्सेना के अनुसार प्रवासी परिदों की सुरक्षा को गश्त बढ़ाई गई है।