पहले चरण में सरकारी पट्टों की होगी ई-नीलामी, खनन कारोबारियों में बेचैनी

उत्‍तराखंड में शुरूआती चरण में केवल सरकारी पट्टों की ई-नीलामी की तैयारी है। इसके अलावा खड़ि‍या को भी मुख्य खनिज से बाहर करने की तैयारी चल रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 18 Sep 2017 03:28 PM (IST) Updated:Mon, 18 Sep 2017 10:54 PM (IST)
पहले चरण में सरकारी पट्टों की होगी ई-नीलामी, खनन कारोबारियों में बेचैनी
पहले चरण में सरकारी पट्टों की होगी ई-नीलामी, खनन कारोबारियों में बेचैनी

देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रदेश में ई-नीलामी की तैयारियों से खनन कारोबारियों में बेचैनी है। ई-नीलामी से अपने हित प्रभावित होते देख खनन कारोबारियों ने मुख्यमंत्री दरबार में गुहार लगाई है। माना जा रहा है कि उनकी इस गुहार से सरकार का मन भी कुछ बदला है। अब शुरूआती चरण में केवल सरकारी पट्टों की ई-नीलामी की तैयारी है। इसके अलावा खड़ि‍या को भी मुख्य खनिज से बाहर करने की तैयारी चल रही है ताकि यह खनन के कड़े नियमों से बाहर निकल सके। 

प्रदेश में अगले माह यानी अक्टूबर से फिर से खनन खुल जाएगा। इस पर खनन की प्रक्रिया को पारदर्शी व विवाद रहित बनाने के लिए विभाग ने खनन के पट्टे ई-नीलामी के जरिए देने का निर्णय लिया है। यह दो चरणों में संपन्न होनी है। इसके तहत पहले खनन पट्टों में खनिज की मात्रा का आकलन किया जाएगा। इसे प्रारंभिक मात्रा माना जाएगा। इसके बाद ठेकेदार अपने आवेदनों में यह बताएंगे कि वे यहां से कितना खनिज निकाल सकते हैं।

खनिज की सबसे ऊंची मात्रा बताने वाले पांच ठेकेदारों के बीच फिर ई-नीलामी की जाएगी। विभाग की मंशा इसमें निजी पट्टों को लेने की भी थी। इसके लिए इन्हें एक निश्चित प्रतिशत दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसका पट्टेधारक विरोध कर रहे हैं। दरअसल, खनिज के रूप में खड़ि‍या का भी कारोबार होता है। निजी क्षेत्र में इसी का खनन सबसे अधिक होता है।

खड़ि‍या का बहुत बड़ा बाजार है और सबसे अधिक अवैध कारोबार भी खड़ि‍या का ही होता है। यदि सही मायनों में खनन से होने वाले मुनाफे की बात करें तो नदियों के खनिज यानी रेत, पत्थर व बजरी का कारोबार खड़ि‍या के कारोबार के सामने कहीं नहीं ठहरता। खनन की ई-नीलामी की बात सामने आने के कारण सबसे अधिक बेचैनी खड़ि‍या कारोबारियों में ही है।

सूत्रों की मानें तो कुछ समय पूर्व भाजपा के कुछ विधायकों ने खनन कारोबारियों के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर निजी क्षेत्रों में ई-नीलामी रोकने का अनुरोध किया था। इतना ही नहीं इस दौरान खड़ि‍या को मुख्य खनिज के दायरे से बाहर भी रखने का अनुरोध किया गया ताकि खनिजों के चुगान के लिए बनने वाले कड़े नियमों के दायरे से इन्हें बाहर रखा जा सके। 

प्रमुख सचिव खनन आनंद बर्द्धन का कहना है कि इस संबंध में कुछ चर्चाएं हुई हैं। अभी खनन नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। किसी भी मसले को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जल्द ही इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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