देश के भावी डॉक्टरों का उत्‍तराखंड के कॉलेजों से मोहभंग, पढ़िए पूरी खबर

देश के भावी डॉक्टरों का प्रदेश के कॉलेजों से मोहभंग हो गया है। प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा की 64 सीट हैं। ताज्जुब ये कि इनमें 53 खाली रह गई हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 26 Jul 2019 01:24 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jul 2019 09:38 PM (IST)
देश के भावी डॉक्टरों का उत्‍तराखंड के कॉलेजों से मोहभंग, पढ़िए पूरी खबर
देश के भावी डॉक्टरों का उत्‍तराखंड के कॉलेजों से मोहभंग, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, सुकांत ममगाईं। देश के भावी डॉक्टरों का प्रदेश के कॉलेजों से मोहभंग हो गया है। पहाड़ी प्रदेश व अन्य राज्यों की तुलना में अत्याधिक फीस लिए जाने का असर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के दाखिलों पर साफ दिखा है। प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा की 64 सीट हैं। ताज्जुब ये कि इनमें 53 खाली रह गई हैं। इसमें एक अच्छी बात ये है कि यह सभी सीटें अब स्टेट कोटा से भरी जाएंगी। जिसका लाभ प्रदेश के छात्रों को मिलेगा। 

उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें श्रीनगर और हल्द्वानी में एमबीबीएस की 125-125 सीट हैं, जबकि दून मेडिकल कॉलेज में 175 सीट हैं। इनमें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया और शेष स्टेट कोटे की सीटें हैं। ऑल इंडिया कोटा के दाखिलों में सबसे बुरी गत दून मेडिकल कॉलेज की हुई है। जहां एक भी दाखिला नहीं हुआ है। यहां ऑल इंडिया की यहां 26 सीट हैं और ये सभी रिक्त रह गई हैं। वहीं हल्द्वानी में 12 और श्रीनगर की 15 सीट रिक्त हैं। 

बता दें, नियमानुसार ऑल इंडिया कोटे की खाली सीटों का फायदा स्टेट कोटे पर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को मिलता है। यह सीट राज्य के खाते में आती है और इन अतिरिक्त सीटों पर ऐडमिशन प्रदेश केयुवाओं को मिलता है। एमबीबीएस के दाखिले के लिए मुकाबला कड़ा है। सरकारी व गैर सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए सैकड़ों दावेदार हैं, लेकिन विकल्प बेहद सीमित हैं। ऐसे में रिवर्ट हुई इन सीटों का फायदा प्रदेश के होनहारों को मिलेगा। 

अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के अनुसार प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अन्य राज्यों की तुलना में फीस बहुत ज्यादा है। कई जगह एक चौथाई फीस है। उस पर दून व हल्द्वानी में बांड भी खत्म कर दिया गया है। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से श्रीनगर जाने से छात्र परहेज करते हैं। यही कारण है कि ऑल इंडिया में बहुत कम प्रवेश हुए हैं। 

नीट स्टेट काउंसिलिंग : अब 27 जुलाई तक कीजिए फ्री एग्जिट

नीट स्टेट काउंसिलिंग के तहत अगर आप प्रथम चरण में आवंटित सीट छोड़ने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके लिए है। एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने इसकी अवधि बढ़ा दी है। प्रथम चरण में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थी अब 27 जुलाई, शाम पांच बजे तक सीट छोड़ सकते हैं। बता दें, प्रथम चरण में अभ्यर्थियों को फ्री एग्जिट की सुविधा दी गई है। यानि सीट छोड़ने पर भी किसी तरह पेनाल्टी उन पर नहीं लगेगी। विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि सीट छोड़ने के लिए अभ्यर्थी को संबंधित कॉलेज में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 

इसके बाद वह कॉलेज में जमा मूल दस्तावेज ले सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीट छोड़ने वाले व्यक्ति को विवि में रिपोर्ट नहीं करना है। प्रो. जुयाल के अनुसार, अगर किसी अभ्यर्थी को द्वितीय चरण में पहली दफा सीट आवंटित हुई है और वह उस सीट पर दाखिला लेने के इच्छुक नहीं हैं तो वह सीट छोड़ सकते हैं। बशर्ते उनकी सिक्योरिटी मनी जब्त की जाएगी। किसी अभ्यर्थी ने आवंटित सीट पर दाखिला ले लिया है, तब वह सीट नहीं छोड़ सकता है। 

काउंसिलिंग शेड्यूल में भी आंशिक बदलाव सीट विड्रॉल की अवधि बढ़ाने के साथ ही विवि ने द्वितीय चरण के काउंसिलिंग के शेड्यूल में भी आंशिक बदलाव किया है। फाइनल सीट मैट्रिक्स अब 27 जुलाई को रात दस बजे प्रदर्शित की जाएगी। इसी के साथ च्वाइस फिलिंग व लॉकिंग भी शुरू होगी। अभ्यर्थी 28 जुलाई रात दस बजे तक अपने विकल्प भर पाएंगे। सीट आवंटन 29 जुलाई को किया जाएगा। आवंटित सीट पर अभ्यर्थी को तीन अगस्त तक दाखिला लेना होगा। प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी विवि ने द्वितीय चरण की प्रोविजनल मेरिट लिस्ट अपलोड कर दी है। द्वितीय चरण के लिए पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थी वेबसाइट पर जाकर लिस्ट देख सकते हैं। फाइनल मेरिट लिस्ट 27 जुलाई को जारी की जाएगी।

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