उत्तरकाशी में नौकरी के नाम पर दो लाख रुपये ठगे, पुलिस ने दर्ज किया मामला

नौकरी दिलाने के नाम पर देहरादून के एक युवक से दो लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

By Edited By: Publish:Sun, 28 Apr 2019 02:59 AM (IST) Updated:Sun, 28 Apr 2019 12:05 PM (IST)
उत्तरकाशी में नौकरी के नाम पर दो लाख रुपये ठगे, पुलिस ने दर्ज किया मामला
उत्तरकाशी में नौकरी के नाम पर दो लाख रुपये ठगे, पुलिस ने दर्ज किया मामला

देहरादून, जेएनएन। उत्तरकाशी के दंडी क्षेत्र आश्रम में सहायक प्रबंधक की नौकरी दिलाने के नाम पर देहरादून के एक युवक से दो लाख रुपये की ठगी कर ली गई। फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब युवक नियुक्ति पत्र लेकर दंडी क्षेत्र के कार्यालय में ज्वाइन करने पहुंचा। पता चला कि जिस शख्स ने उसे यह नियुक्ति पत्र दिया है, उसे कई महीने पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया है। युवक का आरोप है कि रकम वापस मांगने पर आरोपित उसे धमकी दे रहा है। मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़ि‍त राजकुमार चौहान पुत्र स्व. गंगा शरण चौहान निवासी धामावाला का आरोप है कि पिछले साल वह अपने परिवार के साथ उत्तरकाशी गए थे। वहां चंद्रमोहन पुत्र फरक से उनकी मुलाकात हुई। उसने बताया कि वह दंडी क्षेत्र के आश्रम का प्रबंधक है। उत्तरकाशी में रहने के दौरान चंद्रमोहन से मेल-मुलाकात बढ़ी तो देहरादून लौटने के बाद भी बातचीत होती रही। छह महीने पूर्व एक दिन चंद्रमोहन का फोन आया। उसने बताया कि आश्रम में सहायक प्रबंधक का पद खाली है। जिसकी तनख्वाह 18 हजार रुपये प्रतिमाह है और रहने के लिए मुफ्त में आवास भी मिलेगा। उसने कहा कि इस नौकरी के लिए प्रबंधक समिति बनारस को दो लाख रुपये देने होंगे।

राजकुमार ने बताया कि प्रस्ताव अच्छा लगने पर उसने अपने खाते का 50 हजार रुपये का चेक और परिचित रणजीत सिंह निवासी नेहरू कॉलोनी से डेढ़ लाख रुपये उधार लिए। 24 अगस्त 2018 को चंद्रमोहन उसके धामावाला स्थित घर आया, जहां उसे चेक और नकदी दे दी गई। इसके बाद चंद्रमोहन ने उसे एक नियुक्ति पत्र दिया। जिस पर एक अक्टूबर 2018 को नौकरी ज्वाइन करने की बात लिखी थी। 

राजकुमार ने बताया कि एक अक्टूबर को जब वह आश्रम पहुंचा तो वहां के संचालक सुभाष रुंगटा से उनकी मुलाकात हुई। नियुक्ति पत्र देखते ही उन्होंने कहा कि चंद्रमोहन पूर्व में यहां कार्यरत था, लेकिन अब वह यहां नहीं है। जो नियुक्ति पत्र उसने दिया है, वह फर्जी है। इस पर चंद्रमोहन से फोन पर संपर्क किया गया तो वह धमकाने लगा। कहा कि दोबारा फोन किया तो उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि चंद्रमोहन के मूल निवास के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही उसकी कॉल डिटेल भी मंगाई जा रही है।

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