दो बार की मिस इंडिया अनुकृति ने छोड़ी मॉडलिंग, महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

कोरोना काल ने दो बार मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली अनुकृति गुसाईं का जीवन ही बदल दिया। वह मॉडलिंग छोड़कर अब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 08:30 AM (IST)
दो बार की मिस इंडिया अनुकृति ने छोड़ी मॉडलिंग, महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर
दो बार की मिस इंडिया अनुकृति ने छोड़ी मॉडलिंग, महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

देहरादून, जेएनएन। कोरोनाकाल ने दो बार मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली और पूर्व मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं का जीवन ही बदल दिया। वह मॉडलिंग छोड़कर अब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं। अपनी संस्था महिला उत्थान एवं बाल कल्याण समिति के माध्यम से अनुकृति अब तक करीब दस हजार महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। 

पेशे से इंजीनियर अनुकृति ने बताया कि कोरोना महामारी ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है। जीवनशैली में आया यह परिवर्तन हर जगह दृष्टिगोचर हो रहा है। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अनुकृति देहरादून में ही रह रही हैं। इस दौरान भी अपनी संस्था के माध्यम से उन्होंने न केवल मास्क तैयार कराकर निश्शुल्क वितरित कराए, बल्कि गरीब महिलाओं से मास्क तैयार कराकर उनको आर्थिक संबल भी दिया। इस दौरान के अनुभवों को उन्होंने दैनिक जागरण से साझा किया।

सवाल: दैनिक जागरण के लिए क्या सुझाव देना चाहेंगी। 

जवाब: दैनिक जागरण का मतलब हम मिलकर राष्ट्र बनाते हैं। बस इसी तरह लोगों के हित में काम करते रहें। सकारात्मक और समाज को प्रेरित करने वाली खबरों को तवज्जो मिलनी चाहिए। सात सरोकारों को लेकर जागरण खबरें प्रकाशित करता रहता है, यह क्रम ऐसे ही आगे बढ़ता रहे। युवाओं पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करें।

सवाल: क्या आपको लॉकडाउन के दौरान भी दैनिक जागरण मिला।

जवाब: दैनिक जागरण से मेरा पुराना नाता रहा है। जब मैं स्कूल में थी, तब से जागरण पढ़ती हूं। इसके बाद इंजीनियरिंग और फिर मॉडलिंग के दौरान भी यह अखबार मेरी पहली पसंद रहा। चाहे कहीं भी रहूं, मेरी सुबह दैनिक जागरण के साथ ही होती है। लॉकडाउन के दौरान भी मुङो नियमित तौर पर दैनिक जागरण मिला।

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सवाल: दैनिक जागरण के बारे में आप क्या सोचती हैं।

जवाब: जीवन में सकारात्मकता का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि जो हम देखते हैं, पढ़ते हैं या फिर सोचते हैं। हमारे जीवन में उसका वैसा ही प्रभाव पढ़ता है। फिर जब दिन की शुरुआत सकारात्मक खबरों के साथ हो तो फिर पूरा दिन ही अच्छा व्यतीत होता है। इसलिए मैं अपने दिन की शुरुआत दैनिक जागरण के साथ करती हूं। दैनिक जागरण में जो भी समाचार प्रकाशित होते हैं, वह तथ्यों पर आधारित होते हैं। इस कारण मेरा और तमाम लोगों का इस पर विश्वास बना हुआ है।

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