पछवादून के खेतों में जल्द लहलहाएगी धान की फसल, रोपाई हुई शुरू

पछवादून में किसानों ने खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई शुरू कर दी है। बाहरी मजदूर न मिलने से किसान अपने गांवों के ही लोगों से मदद लेकर धान की रोपाई कर रहे हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 11 Jun 2020 09:06 PM (IST) Updated:Fri, 12 Jun 2020 02:37 PM (IST)
पछवादून के खेतों में जल्द लहलहाएगी धान की फसल, रोपाई हुई शुरू
पछवादून के खेतों में जल्द लहलहाएगी धान की फसल, रोपाई हुई शुरू

विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। पछवादून में किसानों ने खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई शुरू कर दी है। हालांकि,  बाहरी मजदूर न मिलने के कारण किसान अपने गांवों के ही लोगों से मदद लेकर धान की रोपाई कर रहे हैं। उनके एक दूसरे की मदद से न केवल पहले जैसा भाईचारा दिख रहा है, बल्कि समय रहते फसल की रोपाई भी पूरी होगी।

बताते चलें कि उत्तराखंड में धान की औसत उपज 20 कुंटल प्रति हेक्टेयर है, जो राष्ट्रीय औसत उपज के लगभग नजदीक ही है। पर्वतीय क्षेत्रों में औसत उपज 15 से 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में 30 से 35 कुंतल प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता है। देहरादून जनपद में मुख्यत: पर्वतीय, घाटी व मैदानी क्षेत्रों में धान की खेती की जाती है। पर्वतीय क्षेत्रों में मोटे धान, जबकि मैदानी क्षेत्रों में सुगंधित धान बासमती की खेती विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार की जाती है। 

पछवादून में गुरुवार को कई खेतों में किसान धान की रोपाई करते दिखे। किसान बालम राम, पूरण सिंह, भगवान सिंह, प्रदीप कुमार आदि का कहना है कि बाहरी श्रमिक न मिलने से इस बार एक दूसरे के सहयोग से रोपाई की जा रही है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डॉ. संजय सिंह का कहना है कि घरेलू आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किसान बासमती धान की खेती में अपना क्षेत्रफल बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लंबी अवधि वाली प्रजाति की बुवाई से लेकर कटाई तक के समय में 145 दिन से 155 दिन का समय लगता है। मध्यम अवधि वाले धान, जिनकी पकने में 130 से 135 दिन का समय लगता है व जिनकी पकने की अवधि 100 से 105 दिन होती है।

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इसलिए किसान को अपने खेत के लिए उपयुक्त प्रजाति का चुनाव अवधि के आधार पर ही करना चाहिए। नवीनतम बासमती पूसा 1637, 1718, 1728 अच्छी पैदावार देने के साथ-साथ अच्छी गुणवत्ता वाली हैं, जिनके पकने की अवधि 135 से 145 दिन है बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर मोटे धान की 30 से 40 किलोग्राम मात्रा मध्यम व बारीक दाने वाली किस्मों की 30 किलोग्राम मात्रा बासमती धान की 25 से 30 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है।

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