PICS: पेराई सत्र के उद्घाटन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे; गाड़ी को भी रोका

गन्ने के पेराई सत्र के शुभारंभ के मौके पर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को शुगर मिल गेट पर किसानों ने काले झंडे दिखाकर जताया विरोध। इस दौरान मौके पर पुलिस बल पूरी तरह से मुस्तैद रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 12:49 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:49 PM (IST)
PICS: पेराई सत्र के उद्घाटन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे; गाड़ी को भी रोका
डोईवाला शुगर मिल के पेराई सत्र शुभारंभ के मौके पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को दिखाए काले झंडे।

संवाद सहयोगी, डोईवाला (देहरादून)। शुगर मिल डोईवाला के पेराई सत्र के शुभारंभ कार्यक्रम का किसानों ने बहिष्कार करते हुए कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत को काले झंडे दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराया।

सरकार की ओर से नवीनतम गन्ना मूल्य घोषित न करने व गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल करने की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पेराई सत्र से पहले अन्य राज्यों में गन्ना मूल्य की घोषणा होने के बावजूद भी उत्तराखंड में मूल्य घोषित करने में हो रही देरी से उत्तराखंड के किसान आक्रोशित है। जिसको लेकर किसानों ने पेराई सत्र के बहिष्कार की चेतावनी देने के साथ ही कार्यक्रम में आने पर गन्ना मंत्री को काले झंडे दिखाने की बात कही थी। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए गन्ना मंत्री सोमवार को शुभारंभ अवसर पर नहीं पहुंचे।

पर, सरकार ने अभी तक किसानों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं की है। साथ ही पेराई सत्र की शुरुआत बिना गन्ने का नवीनतम मूल्य घोषित किए बिना की जा रही है, जिसका किसान विरोध करता है। पेराई सत्र की शुरुआत का बहिष्कार करते हुए किसानों ने शुगर मिल गेट पर धरना प्रदर्शन किया।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब शुगर मिल के गेट पर पहुंचे तो वहा धरना दे रहे किसान उनकी गाड़ी के आगे लेट गए और गन्ना मंत्री मुर्दाबाद व गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल करने को लेकर नारेबाजी करते हुए काले झंडे दिखाने लगे। भारी संख्या में किसानों ने जब पूर्व मुख्यमंत्री की गाड़ी रोक कर काले झंडे दिखाने शुरू किए तभी कोतवाली डोईवाला के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राज विक्रम पंवार ने मौके पर भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल के साथ किसानों को गाड़ी के आगे से हटाकर पूर्व मुख्यमंत्री के वाहन को शुगर मिल के लिए भेजा। पुलिस ने कार्यक्रम स्थल को पूर्ण रूप से पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। जिसके बाद शुगर मिल का पेराई सत्र शुभारंभ हुआ।

वही धरना प्रदर्शन कर रहे संयुक्त मोर्चा डोईवाला के संयोजक ताजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार किसान विरोधी कार्य कर रही है चार वर्षों से गन्ने का कोई रेट नहीं बढ़ाया गया है जबकि इन सालों में मजदूरी के अलावा बीज, खाद एवं कीटनाशक दवाई में बेतहाशा वृद्धि होने कारण किसानों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से लगते हुए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश राज्य ने गन्ना मूल्य की घोषणा कर दि है। परंतु उत्तराखंड सरकार आंखें मूंदे किसानों का उत्पीड़न करने पर लगी हुई है।

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह खालसा व उम्मेद बोरा ने कहा कि लगातार डीजल, खाद और कीटनाशक की बढ़ती कीमतों के कारण फसल का लागत मूल्य बढ़ गया है। लेकिन उत्तराखंड की सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जनवादी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष जाहिद अंजुम ने गन्ना मूल्य 450 रु प्रति कुंतल करने की मांग की। जिसके बाद किसानों ने डोईवाला तहसीलदार सुशील सैनी के माध्यम से उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा कि यदि शीघ्र गन्ने के मूल्य की घोषणा नहीं की गई तो किसान गन्ना मिल के गेट पर अनिश्चितकालीन धरना देने को मजबूर होंगे।

विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवान, संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ताजेंद्र सिंह, कमरुद्दीन, जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह, याकूब अली, कृषक फेडरेशन के अध्यक्ष उमेद बोरा, बलबीर सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह, मोहित उनियाल, गौरव मल्होत्रा, सुरेंद्र राणा, हाजी अमीर हसन, जसवीर सिंह, शंकर सिंह कन्याल, गन्ना समिति के अध्यक्ष मनोज नौटियाल,मोंटी सिंह, सागर मनवाल, सपा नेता फुरकान अहमद कुरेशी, आप नेता राजू मौर्य, राजेंद्र पुरोहित, हरबंस सिंह, सरजीत सिंह, जसवीर सिंह, प्रताप सिंह, इस्लामुद्दीन, जरनैल सिंह, अनूप पाल, राजेश कुमार, आदि सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

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