Farmers Protest Effect: किसान आंदोलन से दून में 'नरम' पड़ा आलू, जानें- थोक और बाजार भाव

Farmers Protest Effect नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से दून में आलू के दाम कुछ नरम पड़े हैं। दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का जमावड़ा लगा होने से हरियाणा पंजाब समेत अन्य राज्यों से आलू दिल्ली नहीं पहुंच पा रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 10:18 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 10:18 AM (IST)
Farmers Protest Effect: किसान आंदोलन से दून में 'नरम' पड़ा आलू, जानें- थोक और बाजार भाव
किसान आंदोलन से दून में अचानक घटे आलू के दाम।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Farmer's Protest Effect नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से दून में आलू के दाम कुछ नरम पड़े हैं। दरअसल, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का जमावड़ा लगा होने से हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों से आलू दिल्ली नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में इन राज्यों के किसान नजदीकी मंडी होने के चलते आलू लेकर उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। इससे प्रदेश में आलू की आवक एकाएक बढ़ गई है, जिस कारण इसके दाम में कमी आई है। हालांकि, अन्य सब्जियों पर आंदोलन का असर नहीं दिख रहा है।

बीते दिन तक दून की फुटकर सब्जी मंडियों में आलू 40 से 60 रुपये किलो की दर से बिक रहा था। मगर, गुरुवार को इसके दाम 30 रुपये से नीचे पहुंच गए। मंडी निरीक्षक अजय डबराल ने बताया कि प्रदेश में आलू की आवक अचानक बढ़ गई है। इसका प्रमुख कारण किसान आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा से बड़ी मात्र में आलू उत्तराखंड आना है। इसीलिए आलू के दाम अचानक घटे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि दून की निरंजनपुर सब्जी मंडी में फिलहाल आलू को छोड़कर अन्य सब्जियों और फलों की आवक सामान्य है। लेकिन, आशंका जताई जा रही है कि किसान आंदोलन यूं ही जारी रहा तो अगले कुछ दिन में प्रदेश में बाहर से फल-सब्जी की आवक प्रभावित हो सकती है। इससे प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। फिलहाल प्रदेश में नासिक, अलवर, इंदौर से प्याज की आपूर्ति हो रही है।

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