इंटरनेट मीडिया को कार्मिकों ने बनाया हथियार, पुरानी पेंशन के आंदोलन को दे रहे धार

उत्‍तराखंड में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर कार्मिकों ने इंटरनेट मीडियो का अपना हाथियार बनाया है। उत्‍तराखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ट्विटर के जरिये आम से लेकर खास तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 08:35 PM (IST)
इंटरनेट मीडिया को कार्मिकों ने बनाया हथियार, पुरानी पेंशन के आंदोलन को दे रहे धार
पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत हैं। सड़कों से लेकर सरकार के दर तक कर्मचारी लगातार आंदोलन करते आए हैं। लेकिन, अब आधुनिकता के साथ कर्मचारी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया को हथियार बनाकर हजारों कर्मचारी आंदोलन को धार दे रहे हैं।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कार्मिकों ने ट्विटर के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्याशी और राजनीतिक पार्टी तक अपनी आवाज पहुंचाने की पहल की है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए नई पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिक पुरानी पेंशन बहाली मांग को ट्विटर अभियान के माध्यम से उठा रहे हैं। जो भी पार्टी अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को प्रमुखता से रखेगी, कार्मिक उस पर विचार करेंगे। मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है। ऐसे में एनपीएस कार्मिकों, परिवारजनों, मित्रजनों की भूमिका विधानसभा चुनाव में निर्णायक रहेगी। कहा कि एक तरफ विधायक, सांसद को मात्र एक दिन के कार्यकाल में भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाता है, वहीं, दूसरी तरफ 30-35 वर्ष सरकारी सेवा करने के बाद भी कर्मचारी को बुढ़ापे में आर्थिक तंगी से जूझने को विवश किया जा रहा है।

आचार संहिता लागू होने के कारण सड़कों पर आंदोलन संभव नहीं है। ऐसे में फिलहाल इंटरनेट मीडिया को हथियार बनाया गया है। वे निरंतर अपनी आवाज इंटरनेट मीडिया से उठाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा सभी पर्व व धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों पर भी पुरानी पेंशन की मांग उठाई जा रही है। यही नहीं पूर्व में तमाम नई पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों ने घर-घर जाकर जनसहयोग भी जुटाया। कोरोना संकट को देखते हुए आमजन से संपर्क बंद किया गया। जिसके बाद डिजिटल माध्यम से कार्मिक अपनी जायज मांग को लेकर हुंकार भर रहे हैं।

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