तो 11 फरवरी को उत्तराखंड के इन चार जिलों में आएगा भूकंप !

तो इस बार भूकंप की तारिख पता चल गई। यह भूकंप 11 फरवरी को को उत्तराखंड के चार जनपदों में आएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार भी तैयारी में जुट गई है।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2016 03:02 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2016 03:05 PM (IST)
तो 11 फरवरी को उत्तराखंड के इन चार जिलों में आएगा भूकंप !

देहरादून। प्रदेश के चार जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में 11 फरवरी को किसी भी वक्त भूकंप आ सकता है। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.8 से लेकर 7 तक हो सकती है। यह भूकंप को लेकर पूर्वानुमान या कोई चेतावनी नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में भूकंपीय आपदा से निपटने की तैयारियों की हकीकत जानने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से 11 फरवरी को होने जा रहे 'मॉक अभ्यास' की सूचना भर है। लिहाजा, कतई घबराने की जरूरत नहीं है। बस, सावधान और सतर्क जरूर रहिए..।
उत्तराखंड की उच्च भूकंप संवेदनशीलता और समीपवर्ती नेपाल व ताईवान में आए भीषण भूकंप को देखते हुए एनडीएमए व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त मॉक अभ्यास के जरिये आपदा से निपटने की तैयारियां परखी जाएंगी।

सचिवालय में मीडिया से हुई बातचीत में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल वीके दत्ता ने बताया कि भूकंपीय जोन-चार में आने वाले उक्त चारों जिलों में मॉक अभ्यास एक साथ शुरू होगा। इसमें चारों जिलों के आपातकालीन परिचालन केंद्र व देहरादून में स्थापित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र सक्रिय रहेंगे।
एनडीएमए के सदस्य ले. जनरल एनसी मारवाह भी इसमें प्रतिभाग करेंगे। इसके संबंध में बीती एक फरवरी को चारों जिलों के डीएम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मॉक अभ्यास के प्रारूप व जनपदों की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया जा चुका है।

मंगलवार को विभिन्न संबंधित विभागों के नोडल अफसरों के साथ समन्वयन की कार्यशाला आयोजित की गई। दस फरवरी को चारों जिलों के डीएम के साथ टेबल टॉप अभ्यास होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के बाद शुरुआती दो घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
इसमें राज्य व जिलों को अपने संसाधनों से ही राहत-बचाव के कार्य करने होते हैं। ऐसी स्थिति में नियुक्ति किए गए इंसीडेंट कमांडेंट पहले से ही अपने क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यो के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन कर लें। वाहन, हेलीपैड की व्यवस्था तय कर लें।

भूकंपीय आपदा से भूस्खलन, सड़कों व पुलों के क्षतिग्रस्त होने व संचार नेटवर्क ध्वस्त होने की आशंका रहती है। इन परिस्थितियों में सूचना संचार भी बड़ी चुनौती होती है। विभिन्न सरकारी महकमों, एजेंसियों व आमजन के समन्वित प्रयास कारगर हो सकते हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन अमित सिंह नेगी ने बताया कि अफसरों को अपनी आपदा प्रबंधन टीम के सदस्यों, वालेंटियर व एंबुलेंस आदि को तत्काल संपर्क में रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस मॉक अभ्यास में पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, एयरपोर्ट अथॉरिटी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ आदि शिरकत करेंगे। इस अवसर पर एनडीएमए के सलाहकार विनय गणनायक, सेना के कर्नल एओ सिंह, एसडीआरएफ के कमांडेंट एसके गोस्वामी आदि मौजूद थे।
पूर्व में यहां हो चुका मॉक अभ्यास
-वर्ष 2007 में उत्तराखंड के चार जिलों में एनडीएमए ऐसा ही मॉक अभ्यास करा चुका है। </p>
-वर्ष 2012 में दिल्ली के नौ जिलों में भूकंप मॉक अभ्यास किया जा चुका है। </p>
-वर्ष 2013 में पंजाब, हिमाचल व हरियाणा में मॉक अभ्यास किया गया था। </p>
-वर्ष 2014 में सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में इसी तरह का मॉक अभ्यास कराया गया। </p>
-एनडीएमए जल्द ही उत्तर प्रदेश व बिहार में भी इसी तरह का मॉक अभ्यास कराने जा रहा है।

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