दून नारी निकेतन प्रकरण में पीड़िता के बयान दर्ज

राजधानी देहरादून के नारी निकेतन प्रकरण में आज दून महिला अस्पताल के कंसल्टिंग रूम में पीड़िता का बयान लिया गया। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम) सिमरनजीत कौर और राष्ट्रीय मूकबधिर संस्थान के तीन एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में पीड़िता के बयान लिए जा रहे हैं। प्रकरण की जांच के लिए प्रदेश सरकार की

By Thakur singh negi Edited By: Publish:Sun, 29 Nov 2015 12:25 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2015 01:16 PM (IST)
दून नारी निकेतन प्रकरण में पीड़िता के बयान दर्ज

देहरादून। राजधानी देहरादून के नारी निकेतन प्रकरण में आज दून महिला अस्पताल के कंसल्टिंग रूम में पीड़िता का बयान लिया गया। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम) सिमरनजीत कौर और राष्ट्रीय मूकबधिर संस्थान के तीन एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में पीड़िता के बयान लिए जा रहे हैं। प्रकरण की जांच के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित एसआइटी प्रभारी एसपी सिटी अजय सिंह टीम के साथ अस्पताल में मौजूद हैं।

साथ ही अस्पातल परिसर में भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की तैनाती है। बताया जा रहा है कि आज आरोपी की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस की ओर से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया गया था, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया था।
विधिक राय के बाद तय किया गया कि मूक-बधिर के बयान सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ की सहायता से दर्ज किए जाएंगे। इसके लिए बीते रोज पुलिस ने पहले जिला न्यायालय से अनुमति ली और फिर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सिमरनजीत कौर की अदालत में पीड़िता के मजिस्ट्रेटी के प्रार्थना-पत्र दिया। एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि इसके लिए सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ को बुला लिया गया है।
पुलिस ने चार लोगों पर शक जताते हुए इन्हें रडार पर ले लिया है। इन चारों आरोपियों के डीएनए सैंपल का कथित भ्रूण से मिलान कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया गया है। न्यायालय ने इसकी अनुमति दे दी है।

16 नवंबर को महिला के गर्भपात के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए तीन कर्मचारियों को सुबूत ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, दूधली से मिला कथित भ्रूण पीड़िता का ही है, यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
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