ऋषिकेश में देशी पर्यटकों ने तोड़ा सन्नाटा, विदेशियों का इंतजार

देश-विदेश के पर्यटकों का तीर्थनगरी में सबसे पसंदीदा क्षेत्र मुनिकीरेती स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला है। अनलॉक में पर्यटकों की आमद शुरू होने के बाद क्षेत्र का सन्नाटा कुछ हद तक कम हो गया है। मगर इस क्षेत्र का व्यापार ज्यादातर विदेशी पर्यटकों पर ही आधारित है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 12:12 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 11:20 PM (IST)
ऋषिकेश में देशी पर्यटकों ने तोड़ा सन्नाटा, विदेशियों का इंतजार
अनलॉक में पर्यटकों की आमद शुरू होने के बाद क्षेत्र का सन्नाटा कुछ हद तक कम हो गया है।

ऋषिकेश, जेएनएन। देश-विदेश के पर्यटकों का तीर्थनगरी में सबसे पसंदीदा क्षेत्र मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला है। अनलॉक में पर्यटकों की आमद शुरू होने के बाद क्षेत्र का सन्नाटा कुछ हद तक कम हो गया है। मगर, इस क्षेत्र का व्यापार ज्यादातर विदेशी पर्यटकों पर ही आधारित है। ऐसे में व्यापारियों को अब विदेशी पर्यटकों का इंतजार है। 

तीर्थनगरी ऋषिकेश की पहचान पूरे विश्व में पर्यटन नगर के रूप में है। यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर से पर्यटक पहुंचते हैं। तीर्थनगर का मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम और तपोवन आदि क्षेत्र ऐसे हैं, जो पर्यटकों के सबसे पसंदीदा हैं। यहां पूरे वर्ष भर दिन और रात में भी देशी व विदेशी पर्यटकों की आमद बनी रहती है। सबसे अधिक योग, ध्यान और मेडिटेशन के केंद्र भी इसी क्षेत्र में हैं। इस क्षेत्र में सर्वाधिक होटल, गेस्ट हाउस और आश्रम भी मौजूद हैं, जहां विदेशी पर्यटक कई-कई माह तक ठहरे रहते हैं। इस वर्ष मार्च माह में कोरोना के कारणतमाम गतिविधियां बंद हो गईं थी। इन क्षेत्रों में करीब ढाई हजार से अधिक विदेशी पर्यटक भी लॉकडाउन में फंस गए थे, जिन्हें बाद में संबंधित देशों के दूतावासों ने रेस्क्यू किया।

लॉकडाउन के बाद टिहरी व पौड़ी जनपद के इन क्षेत्रों में पूरी तरह से सन्नाटा पसर गया था। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई मगर, यहां का व्यवसाय गति नहीं पकड़ पाया। अब अनलॉक-5 में जब पर्यटन गतिविधियां खुल गईं हैं, तब इस क्षेत्र में पर्यटकों का आवागमन शुरू हो गया है। जिसके बाद क्षेत्र का सन्नाटा कुछ हद तक टूट गया है। 

संतोष रावत (व्यापारी, स्वर्गाश्रम) ने बताया कि अनलॉक-5 में पर्यटकों की आमद बढ़ने से अब क्षेत्र में पर्यटक नजर आ रहे हैं। इससे पहले तो लंबे समय तक यहां पर्यटकों को देखना भी दूभर हो गया था। हालांकि, अभी तक व्यापार को पूरी तरह से पटरी पर लौटने में समय लगेगा। मगर, अब कुछ उम्मीद तो नजर आ रही है। 

अंकित अग्रवाल, व्यापारी (जेम्स एंड ज्वेलरी, रामझूला) ने बताया कि  हमारा कारोबार पूरी तरह से विदेशी पर्यटकों पर ही निर्भर है। अभी इंटरनेशनल फ्लाइटें बंद होने के कारण विदेशी पर्यटक यहां नहीं पहुंच रहे हैं। मगर, पिछले सात माह से जो सन्नाटा पसरा हुआ था, वह अब पर्यटकों की आमद से काफी हद तक टूट गया है।

कल्याण सिंह भंडारी (कैफे कर्मचारी) ने बताया कि लॉकडाउन के बाद लंबे समय तक कारोबार पुरी तरह से ठप रहा। मगर, अब अनलॉक के बाद पर्यटकों की आमद बढऩे लगी है, जिससे व्यवसाय भी कुछ हद तक पटरी पर आ गया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में सब कुछ ठीक हो जाएगा। 

पर्यटकों ने उठाया राफ्टिंग का लुत्फ 

इस सप्ताहांत पर तीन दिन का लगातार अवकाश रहने के कारण रविवार को भी तीर्थनगरी पर्यटकों से पैक रही। हालांकि दोपहर बाद यहां से पर्यटकों के लौटने का क्रम शुरू हो गया था। जिससे देर सायं तक क्षेत्र में सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बना रहा। कई जागह जाम की स्थिति भी बनी रही। रविवार को पर्यटकों ने गंगा के कौडियाल-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में रिवर राफ्टिंग का भी जमकर लुत्फ उठाया। पर्यटकों ने रामझूला व लक्ष्मणझूला में गंगा में संचालित होने वाली बोट पर भी बोटिंग का लुत्फ लिया। 

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