पर्वतीय मार्गों पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता खत्म करने की मांग, जानिए वजह

वाहन में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य हो गया है। जिसके बाद अब पर्वतीय मार्ग के चालकों ने सरकार से इसकी अनिवार्यता खत्म करने की मांग की है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 03:31 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 03:31 PM (IST)
पर्वतीय मार्गों पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता खत्म करने की मांग, जानिए वजह
पर्वतीय मार्गों पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता खत्म करने की मांग, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। नए एमवी एक्ट में वाहन में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य हो गया है। जिसके बाद अब पर्वतीय मार्ग के चालकों ने सरकार से इसकी अनिवार्यता खत्म करने की मांग की है। उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अनुसार पर्वतीय मार्गों पर सीट बेल्ट को लगाकर वाहन चलाना संभव नहीं है। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। 

नए एमवी एक्ट के विरोध में 11 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल कर चुके महासंघ की शनिवार को दून में रिस्पना पुल स्टैंड पर बैठक हुई। बैठक में केएमओयू के अध्यक्ष सुरेश डसिला को महासंघ का महासचिव और पर्वतीय संयुक्त मोटर मालिक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह चौहान को सचिव बनाया गया। महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने नए एमवी एक्ट में जुर्माने की राशि पूर्व की तरह रखने की मांग की। 

इसके साथ ही राज्य में पुलिस से व्यवसायिक वाहनों की चेकिंग का अधिकार हटाकर सिर्फ परिवहन विभाग के पास सीमित रखने की मांग की है। साथ ही वाहन उद्योग में मंदी को देखकर वाहनों का किराया बढ़ाने की मांग की गई। चुनाव के दौरान वाहनों का अधिग्रहण क्षेत्रवार के हिसाब से करने की मांग की गई। बैठक में महासंघ के महासचिव सत्यदेव उनियाल और भगवान सिंह राणा समेत दर्जनों पदाधिकारी मौजूद रहे। 

जुर्माने में राहत की मांग 

देहरादून महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने परिवहन आयुक्त को पत्र भेज नए एक्ट में प्रस्तावित जुर्माने में राहत देने की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल की ओर से दिए पत्र में चालकों की तरह परिचालकों को हाईस्कूल शैक्षिक योग्यता से छूट देने की मांग की गई। इसके साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में वाहन को सीज न करने की मांग की गई। 

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