डीसीबी उत्तरकाशी के महाप्रबंधक निलंबित

सोलर प्लांट के लिए स्वीकृत ऋण की दूसरी किश्त जारी करने के लिए सुविधा शुल्क लेने के आरोप में जिला सहकारी बैंक उत्तरकाशी के महाप्रबंधक सुरेंद्र प्रभाकर को निलंबित कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Jun 2020 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 24 Jun 2020 08:55 PM (IST)
डीसीबी उत्तरकाशी के महाप्रबंधक निलंबित
डीसीबी उत्तरकाशी के महाप्रबंधक निलंबित

राज्य ब्यूरो, देहरादून: सोलर प्लांट के लिए स्वीकृत ऋण की दूसरी किश्त जारी करने के लिए सुविधा शुल्क लेने के आरोप में जिला सहकारी बैंक उत्तरकाशी के महाप्रबंधक सुरेंद्र प्रभाकर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही प्रकरण में जांच बैठा दी गई है। इसके अलावा बिना अनुमति के यात्रा करने के मामले में प्रभाकर समेत ऊधमसिंहनगर के तत्कालीन महाप्रबंधक से करीब 18 लाख की वसूली के आदेश भी जारी किए गए हैं।

निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्रा ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी के जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) से सौ किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए आमोद पंवार को 80 लाख का ऋण स्वीकृत हुआ था। आरोप है कि 40 लाख की पहली किश्त जारी करने के बाद दूसरी किश्त के लिए डीसीबी के महाप्रबंधक ने चार लाख रुपये के सुविधा शुल्क की मांग की। यह भी आरोप है कि सुविधा शुल्क ले भी लिया गया।

उन्होंने बताया कि मामला सामने आने पर जांच पड़ताल कराई गई तो इसमें डीसीबी उत्तरकाशी के महाप्रबंधक सुरेंद्र प्रभाकर को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया। इस पर प्रभाकर को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच उप निबंधक आनंद शुक्ला को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

निबंधक सहकारी समितियां मिश्रा ने यह भी जानकारी दी कि डीसीबी उत्तरकाशी के महाप्रबंधक प्रभाकर और डीसीबी ऊधमसिंहनगर के महाप्रबंधक का कार्यभार देखने वाले रामयज्ञ तिवारी ने पूर्व में बिना अनुमति के यात्राएं की थीं। नियमानुसार इसके लिए पहले अनुमति ली जानी जरूरी थी। इसे देखते हुए दोनों से यात्रा पर व्यय 18 लाख से अधिक की राशि की वसूली के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

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