नगर निगम में हुए डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के टेंडर घोटाले में कांग्रेस भी मुखर

नगर निगम में हुए डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के टेंडर घोटाले में अब कांग्रेस भी मुखर हो गई है। कांग्रेस से निगम के नेता प्रतिपक्ष पार्षद डॉ. बिजेंद्र सिंह पाल ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात कर मामले की जांच शासन स्तर से कराए जाने की मांग की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 01:05 PM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 01:05 PM (IST)
नगर निगम में हुए डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के टेंडर घोटाले में कांग्रेस भी मुखर
नगर निगम में हुए डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के टेंडर घोटाले में अब कांग्रेस भी मुखर हो गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर निगम में हुए डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के टेंडर घोटाले में अब कांग्रेस भी मुखर हो गई है। कांग्रेस से निगम के नेता प्रतिपक्ष पार्षद डॉ. बिजेंद्र सिंह पाल ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात कर मामले की जांच शासन स्तर से कराए जाने की मांग की। नगर आयुक्त ने बताया कि जांच थर्ड पार्टी से कराई जा रही है व इसके लिए वह शहरी विकास निदेशक को पत्र भी भेज चुके हैं।

नगर निगम ने जनवरी में शहर के नए 30 वार्डो में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का टेंडर निकाला था। टेंडर प्रक्रिया के बाद निगम ने मैसर्स भार्गव फैसिलिटी व मैसर्स सनलाइट को 15-15 वार्ड में कूड़ा उठान का जिम्मा सौंपा। मैसर्स सनलाइट कंपनी पर पांच वर्ष के कूड़ा उठान के कार्य का फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का आरोप है। यह पत्र भी नगर निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह द्वारा जारी किया गया है।

हालांकि, मामला सामने आने पर डा. सिंह ने ऐसा अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने की बात से इन्कार कर दिया था, मगर सवाल यह उठ रहा कि जब अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी था तो निगम ने मैसर्स सनलाइट को टेंडर दिया ही कैसे। मैसर्स सनलाइट ने जनवरी-2015 से दून शहर में कूड़ा उठान का कार्य करने का अनुभव बताया है और जिन अधिकारियों ने टेंडर दिया, वह इससे पहले से निगम में तैनात हैं। खैर, यह तो जांच के बाद सामने आएगा कि इस घटनाक्रम में निगम अधिकारी शामिल हैं या नहीं, लेकिन इस मामले ने नगर निगम की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने मामले में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। अब नेता प्रतिपक्ष ने टेंडर निरस्त करने और अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।

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