किसानों के सवाल पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार तेज

प्रदेश में किसानों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्ष कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 27 Jul 2017 10:54 AM (IST) Updated:Thu, 27 Jul 2017 08:58 PM (IST)
किसानों के सवाल पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार तेज
किसानों के सवाल पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार तेज

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में किसानों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्ष कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, भाजपा की ओर से फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट मोर्चा संभालते हुए कांग्रेस को ही इस मामले में कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। 

प्रदेश में किसानों की आत्महत्या और उनके ऋण की माफी को लेकर सियासत चरम पर पहुंच चुकी है। कांग्रेस व भाजपा एक-दूसरे पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। अब भाजपा ने कांग्रेस पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा है कि कांग्रेस पूरे मामले में नाटक कर रही है। 

उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की ओर से वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को प्रेषित पत्र भी मीडिया से साझा किया। इस पत्र में किशोर उपाध्याय ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार से किसानों का ऋण माफ करने, किसानों की समस्या के लिए आयोग का गठन करने, किसानों को बिजली का शुल्क आधा करने, समर्थन मूल्य बढ़ाने आदि का अनुरोध किया था। 

उन्होंने कहा कि इस सरकार में मौजूदा नेता प्रतिपक्ष व तत्कालीन वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी मंत्री के रूप में शामिल थे। अब कांग्रेस इसका उत्तर दे कि उन्होंने तब किसानों के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया। 

उन्होंने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के वर्ष 2004 से लेकर 2014 के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि यूपीए सरकार में इन दस वर्षों में 158117 किसानों की मृत्यु हुई। यानी प्रति वर्ष 15 हजार से अधिक किसानों की मौत हुई है। अब जाकर कांग्रेस को किसानों की याद आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है जिसमें यह साबित हो कि किसानों ने आत्महत्या की है। 

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए किए गए अपने वादे पर बरकरार है। प्रदेश में किसान आयोग का गठन करने के साथ ही फसल बीमा किया जा रहा है। मुआवजे के लिए मानकों में संशोधन किया गया है। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में किसानों का ऋण माफ किया गया है। सस्ती दरों पर ब्याज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहता कि प्रदेश में किसान की मौत हो। कांग्रेस उकसाने की नहीं, बल्कि समाधान की बात करें। 

वहीं, कांग्रेस इस मामले में सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह केंद्र व प्रदेश सरकार पर मौन रहने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने भाजपा के चुनाव के दौरान किसानों के लिए किए गए वादे की याद दिलाते हुए कहा कि सत्ता में आते ही भाजपा इन्हें भूल गई है। 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत टिहरी के मृतक किसान के घर जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने किसानों को आत्महत्या के लिए उकसाने में पार्टी का हाथ होने के बयान पर अजय भट्ट पर विधिक कार्यवाही करने तक की चेतावनी दी है।

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