मां भारती के सच्चे सपूत थे वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से भारत वर्ष के इतिहास में एक महान युग का अंत हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Aug 2018 09:21 PM (IST) Updated:Thu, 16 Aug 2018 09:21 PM (IST)
मां भारती के सच्चे सपूत थे वाजपेयी
मां भारती के सच्चे सपूत थे वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से भारत वर्ष के इतिहास में एक महान युग का अंत हो गया। उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में स्थापित किया। भारत को आर्थिक, वैज्ञानिक और सामरिक शक्ति के रूप में पहचान दिलाई। वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में लोकप्रिय नेता थे। वह भारत के इतिहास में एक दैदीप्यमान नक्षत्र के रूप में स्थापित रहेंगे।

-डॉ. कृष्ण कांत पाल, राज्यपाल, उत्तराखंड। -पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। भारत के राजनीतिक इतिहास में उनका संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उनकी पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद्, कवि, लेखक व पत्रकार के रूप में रही है। उन्होंने राजनीति को दलगत और स्वार्थ की वैचारिकता से अलग हटकर अपनाया और जिया। जीवन में आने वाली विषम परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार किया।

-प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष। -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनसे मेरा व्यक्तिगत रूप से जुड़ाव रहा है। स्वर्णिम चुतर्भुज योजना के तहत पूरे देश में सड़कों का जाल फैलाने का श्रेय अटल जी को ही है। देश को वह नई दिशा दे गए। वह बड़े-बड़े काम भी शांति से करते थे। उनकी अपनी एक अलग शैली थी। हम सभी लोगों को उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए।

-मेजर जनरल (सेनि) भुवन चंद्र खंडूड़ी, सांसद गढ़वाल व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड। -उत्तराखंड के लिए अटल जी हिमालय के पुत्र थे। उन्होंने हमें राज्य देने के साथ ही विशेष राज्य का दर्जा और औद्योगिक पैकेज भी दिया। उत्तराखंड आज जिस स्थान पर है वह अटल जी की वजह से है। उत्तराखंड पर उनकी विशेष कृपा रही। यह क्षति केवल भाजपा व देश की नहीं, पूरी मानवता की है। ऐसे व्यक्तित्व को पूरी दुनिया में ढूंढ पाना बहुत मुश्किल होगा।

-डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद हरिद्वार व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड। -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मेरे आदर्श नेता रहे हैं। वह एक महान जननेता, कुशल प्रशासक, विराट कवि हृदय और कार्यकर्ताओं की आंखों के तारे रहे हैं। उन्होंने हमें उत्तराखंड राज्य दिया, जिसका ऋण हम कभी नहीं चुका पाएंगे। वर्ष 1982 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते वे पिथौरागढ़ आए थे। उस समय ओलावृष्टि से ठंड के चलते उन्होंने बोलने से मना कर दिया था लेकिन मेरे आग्रह पर उन्होंने बेहतरीन भाषण से पहाड़वासियों को रोमांचित कर दिया।

-भगत सिंह कोश्यारी, सांसद नैनीताल व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड। -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के न रहने से इतिहास का एक अध्याय समाप्त हो गया है लेकिन यह अध्याय स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उत्तराखंड हमेशा अटल जी के प्रति ऋणी रहेगा, उन्होंने अपने वायदे के अनुसार जहां उत्तराखंड का निर्माण किया वहीं राज्य के विकास के लिए आर्थिक पैकेज भी प्रदान किया जो राज्य के विकास का आधार बना।

-अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा। -पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी विराट व्यक्तित्व के धनी थे। उनके निधन से राष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने राजनीति में जो आदर्श स्थापित किए, वे सदियों तक आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। वे उत्तराखंड निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे और सभी राज्यवासी उनके कृतज्ञ रहेंगे। वह एक पत्रकार, कवि और राजनेता होने के साथ-साथ विशाल हृदय के स्वामी थे और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करते थे।

-सतपाल महाराज, कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड। -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश व समाज को गहरी क्षति पहुंची है। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ ही एक कवि, पत्रकार व लेखक भी थे। उन्होंने भारत को एक नई दिशा दिखाई। उनके नेतृत्व में भारत विश्व में एक परमाणु शक्ति बन कर उभरा था। उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा देकर उन्होंने लाखों लोगों के सपने को पूरा करने का काम किया है। उनकी पहचान सर्वमान्य नेता के रूप में रही है। हमें उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

-मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से केवल भारत को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अपूरणीय क्षति हुई है। उनका जाना एक युग का अंत है। उनका महान व्यक्तित्व सौम्य शैली, राष्ट्रभक्ति, दूरदृष्टि, चुनौतियों से सामना करने की इच्छाशक्ति व उनके महान आदर्श सदैव हमें प्रेरणा देते रहेंगे।

-प्रकाश पंत, कैबिनेट मंत्री। -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से संपूर्ण राष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके नेतृत्व में देश ने नई ऊंचाइयों को छुआ। भारत को आर्थिक और सामरिक रूप से मजबूत बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। अलग उत्तराखंड राज्य देकर उन्होंने लाखों उत्तराखंडवासियों के साथ किए गए वादे को पूरा किया। उनके व्यक्तित्व व शैली के उनके विरोधी भी कायल रहे हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

-सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री। -सहिष्णुता व मानवीय मूल्यों के प्रकाशपुंज अटल बिहारी वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं रहे, यह हृदय विदारक सत्य है। उन्हें और उनके साथ बिताए गए संसद व संसदीय कमेटियों में उन क्षणों को मैं हमेशा अपनी स्मृति में याद रखूंगा। वे जीवित अवस्था में भी प्रेरणा थे और आज उनका भौतिक शरीर हमारे बीच नहीं है मगर उनके विचार और विशेषकर उनकी उदार भावनाएं हमेशा हमें प्रेरणा देती रहेंगी।

-हरीश रावत, कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री। 'अटल बिहारी वाजपेयी महामानव थे। उन्होंने सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से काम नहीं किया। सभी लोगों का समान रूप से आदर करते थे। राज्य में एनडी तिवारी सरकार में उन्होंने उत्तराखंड की अपेक्षाओं को पूरा किया। प्रखर वक्ता और कवि हृदय वाजपेयी के मानवीय गुणों की तारीफ जितनी की जाए, कम है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि।'

डॉ इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड। 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश को बड़ी क्षति हुई है। एक महान व्यक्तित्व को देश ने खो दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में और विपक्ष में रहते हुए, दोनों ही मौके पर हमेशा देश को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक तरीके से काम किया। इसलिए राजनीति में उनका नाम सम्मान से लिया जाता है। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'

-प्रीतम सिंह, अध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी।

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