विधानसभा सत्र में भाजपा के विरोध का सीएम हरीश रावत ने ये दिया जवाब

विधानसभा में भाजपा की ओर से कांग्रेस विधायक नवप्रभात को पीठ पर बिठाए जाने को असंवैधानिक करार दिए जाने का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा उसमें कुछ गलत नहीं।

By gaurav kalaEdited By: Publish:Thu, 21 Jul 2016 07:24 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jul 2016 07:27 PM (IST)
विधानसभा सत्र में भाजपा के विरोध का सीएम हरीश रावत ने ये दिया जवाब

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सदन के भीतर व्यवस्था के तौर पर विकासनगर(देहरादून) विधायक नवप्रभात को विधानसभा अध्यक्ष के स्थान पर अधिष्ठाता की जिम्मेदारी दिए जाने की प्रक्रिया को सही करार दिया। मुख्यमंत्री का कहना है कि पूरी प्रक्रिया संवैधानिक तरीके से अपनाई गई है। भाजपा इसे गलत तरीके से परिभाषित करते हुए इसका विरोध कर रही है।
विधानसभा में भाजपा की ओर से कांग्रेस विधायक नवप्रभात को पीठ पर बिठाए जाने को असंवैधानिक करार दिए जाने का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों, नियम 180 व 181 के तहत विधायक नवप्रभात को अधिष्ठाता बनाया गया।

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कुंजवाल ने निभाया संवैधानिक धर्म
विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने संवैधानिक धर्म निभाते हुए पीठ पर स्थान ग्रहण नहीं किया और वरिष्ठ विधायक नवप्रभात को पीठ पर स्थान दिया। नियमों में स्पष्ट है कि विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के न रहने पर अधिष्ठाता मंडल का सदस्य ही कार्यवाही का संचालन करता है।
उन्होंने कहा कि जहां तक भाजपा का यह कहना है कि राज्यपाल ही अध्यक्ष को नियुक्त करते हैं, वह सही नहीं है। यह स्थिति तब होती है जब विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद रिक्त हों। यहां पद रिक्त नहीं हैं। ऐसे में विधायक नवप्रभात अधिष्ठाता मंडल के सदस्य के रूप में नियम सम्मत तरीके से कार्यवाही संचालन करने के पात्र थे।

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उन्होंने कहा कि जहां तक अधिष्ठाता मंडल के वर्ष 2012-13 में गठित होने की बात है तो नियमों में यह स्पष्ट है कि जब तक नया अधिष्ठाता मंडल गठित नहीं होता, तब तक पुराना मंडल की कार्यरत रहता है।
भाजपा के वॉकआउट पर ली चुटकी
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा के सदन से बहिर्गमन के सवाल पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि भाजपा सच का सामना नहीं कर पाई। सच का सामना करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है।

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