आरटीई के तहत अपात्र दाखिलों पर बाल आयोग ने दिए जांच के आदेश

ऋषिकेश भारत मंदिर पब्लिक स्कूल झंडा चौक में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर आरटीई में तीन बच्चों का दाखिला लेने की शिकायत का संज्ञान बाल आयोग ने लिया है। आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को पत्र लिखकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 10:13 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 10:13 PM (IST)
आरटीई के तहत अपात्र दाखिलों पर बाल आयोग ने दिए जांच के आदेश
आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को पत्र लिखकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

देहरादून, जेएनएन। ऋषिकेश भारत मंदिर पब्लिक स्कूल झंडा चौक में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर आरटीई में तीन बच्चों का दाखिला लेने की शिकायत का संज्ञान बाल आयोग ने लिया है। आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को पत्र लिखकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उपजिलाधिकारी को एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट बाल आयोग को जांच सौंपने के आदेश दिए हैं।

बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि ऋषिकेश निवासी विनोद कुमार ने ऋषिकेश के ही निवासी व्यापारी हरि कुमार गुप्ता और सुनील कुमार गुप्ता की शिकायत करते हुए बताया कि दोनों व्यापारी हैं। दोनों सगे भाई हैं और आर्थिक रूप से संपन्न हैं। लेकिन, उन्होंने अपनी असली आय छिपाते हुए जालसाजी कर फर्जी आय प्रमाण पत्र ऋषिकेश तहसील से बनवा दिया। फर्जी आय प्रमाण पत्र में कम आय दिखाते हुए दोनों भाइयों ने आरटीआई के तहत अपने तीन बच्चों का एडमिशन भरत मंदिर पब्लिक स्कूल झंडा चौक ऋषिकेश में करवा दिया। 2014 से बच्चे आरटीआई के तहत पढ़ाई कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Coronavirus News Update: उत्‍तराखंड में कोरोना संक्रमित 14 मरीजों की मौत, 365 नए मामले आए; 801 हुए स्‍वस्‍थ

फीस वसूलने के मामले में सीईओ को जांच रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के निर्देश 

अभिभावक एकता समिति की राजा राम मोहन राय इकाई ने 28 सितंबर को राजा राम मोहन राय एकेडमी प्रबंधन पर छात्रों व अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की थी। जिस पर बुधवार को बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं।बीते सोमवार को समिति के सचिव प्रवीण सैनी ने आयोग की अध्यक्ष को दिए गए शिकायती पत्र में लिखा है कि स्कूल की ओर से लगातार छात्रों के अभिभावकों को फीस के लिए मैसेज और नोटिस भेजकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ताओं के साथ बैठक कर दस दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में स्कूल खोलने पर कैबिनेट लेगी फैसला, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने दिए निर्देश

chat bot
आपका साथी