इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का संचालन खुद करेगा कैंट बोर्ड, पढ़िए पूरी खबर

दून के प्रेमनगर में निर्मित इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का संचालन छावनी परिषद खुद करेगी। इसे पहले पीपीपी मोड में संचालित करने की योजना थी। इसके अलावा शहीद दुर्गामल्ल पार्क में बनी कैंटीन को पीपीपी मोड में संचालित किया जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 08:03 AM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 08:03 AM (IST)
इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का संचालन खुद करेगा कैंट बोर्ड, पढ़िए पूरी खबर
इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का संचालन खुद करेगा कैंट बोर्ड।

जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रेमनगर में निर्मित इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का संचालन छावनी परिषद खुद करेगी। इसे पहले पीपीपी मोड में संचालित करने की योजना थी। इसके अलावा शहीद दुर्गामल्ल पार्क में बनी कैंटीन को पीपीपी मोड में संचालित किया जाएगा। कैंट अस्पताल में महिला फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति की जाएगी। 

छावनी परिषद देहरादून के वैरी बोर्ड की बैठक गुरुवार को ब्रिगेडियर एसएन सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कैंट अस्पताल, मिनी स्टेडियम, बहुद्देशीय हाल आदि के संर्दभ में अहम निर्णय लिए गए। प्रेमनगर के दशहरा ग्राउंड में मिनी स्टेडियम और बहुद्देशीय हाल का निर्माण करने संबंधी प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां पर मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी। कैंट बोर्ड अब इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपेगा। 

बहुद्देशीय हाल का निर्माण कैंट कार्यालय के पास होगा। गढ़ी बाजार में जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया गया। बैठक में इंडोर बैडमिंटन कोर्ट के संचालन पर लंबी चर्चा हुई। प्रेमनगर में इस कोर्ट का निर्माण विधायक निधि से हुआ है। दो माह पहले ही इसका उद्घाटन किया गया था, लेकिन अब तक यह कोर्ट शुरू नहीं हुआ है। पर. पीपीपी मोड पर बैडमिंटन कोर्ट के संचालन को कोई आगे नहीं आया। इस पर कैंट बोर्ड ने अब खुद ही इसका संचालन करने का निर्णय लिया है। 

इसका शुल्क भी प्रतिमाह 80 रुपये निर्धारित किया गया है। एक प्रशिक्षक व सुरक्षाकर्मी भी यहां पर तैनात होगा। पेयजल की किल्लत को देखते हुए पानी के व्यावसायिक कनेक्शनों पर भी बोर्ड ने फिलहाल रोक लगा दी है। अगले आदेश तक कोई भी व्यावसायिक कनेक्शन जारी नहीं होगा। बैठक में मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन व वैरी बोर्ड के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। 

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