प्लॉटिंग के लिए हरे पेड़ों पर चलाई आरी

जागरण संवाददाता, देहरादून: आइएमए के पास कैंट बोर्ड क्षेत्र में बिना अनुमति तुन के हरे पेड़ों के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jan 2018 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jan 2018 10:06 PM (IST)
प्लॉटिंग के लिए हरे पेड़ों पर चलाई आरी
प्लॉटिंग के लिए हरे पेड़ों पर चलाई आरी

जागरण संवाददाता, देहरादून: आइएमए के पास कैंट बोर्ड क्षेत्र में बिना अनुमति तुन के हरे पेड़ों के कटान का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि प्लॉटिंग के लिए पेड़ों पर आरी चलाई गई है। हालांकि, अभी तक संबंधित भूमि पर प्लॉटिंग की अनुमति भी नहीं मिल पाई है और सिर्फ इसका प्रस्ताव भू-स्वामी ने बोर्ड कार्यालय को दिया है। प्रकरण का संज्ञान लेते हुए कैंट बोर्ड सीईओ जाकिर हुसैन ने पेड़ कटान पर कार्रवाई व कटे पेड़ों को कब्जे में लेने के लिए जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) व प्रेमनगर थाने को पत्र लिखा है।

आइएमए के पास एक टेक्सटाइल मिल की भूमि है। यह मिल काफी समय पहले ही बंद हो गई थी। इसके बाद इस भूमि पर प्लॉटिंग करने की अनुमित कैंट बोर्ड कार्यालय से मांगी गई, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिल पाई है। भूमि पर बड़ी संख्या में तुन आदि के हरे पेड़ भी हैं, लिहाजा ऐसी स्थिति में अनुमति मिलने में पेच फंस रहा था। जबकि, गुरुवार देर रात भूमि पर अचानक करीब 10 पेड़ काट दिए गए। यह क्षेत्र मालसी के अंतर्गत आता है और यहां के उप प्रभागीय वनाधिकारी विनय रतूड़ी का कहना है कि पेड़ काटने को लेकर उनसे अनुमति मांगी गई थी और उन्होंने अधिकतम तीन ही पेड़ काटने की संस्तुति की थी। अधिक पेड़ काटे जाने पर उन्होंने कहा कि वह वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करेंगे। हालांकि, बड़ा सवाल यह भी कि जब संबंधित क्षेत्र कैंट बोर्ड के अंतर्गत आता है और प्लॉटिंग की स्वीकृति मिले बिना ही वन विभाग ने तीन पेड़ काटने की संस्तुति भी कैसे कर दी।

ऐन वक्त पर हटाया गार्ड

जिस भूमि पर पेड़ काटे गए हैं, उस पर कुछ दिन पहले तक कैंट बोर्ड ने गार्ड तैनात किया था। ताकि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग या किसी तरह का अनाधिकृत निर्माण न कर दिया जाए। हालांकि बिना किसी कारण बोर्ड ने गार्ड हटा दिया और इसके कुछ दिन बाद ही पेड़ों का कटान हो गया।

पेट्रोल पंप में अवैध निर्माण पर नोटिस

कैंट बोर्ड क्षेत्र में प्रेमनगर के पास एक पेट्रोल पंप को अवैध निर्माण करने पर नोटिस जारी किया गया है। कैंट बोर्ड सीईओ की ओर से जारी नोटिस में निर्माण को तीन दिन के भीतर हटाने के निर्देश दिए गए हैं। अन्यथा बोर्ड अवैध निर्माण को स्वयं ध्वस्त कर देगा।

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