कैबिनेट मंत्री कौशिक बोले, हरकी पैड़ी में गंगा की धारा अविरल है और अविरल रहेगी

हर की पैड़ी को जोड़ने वाली गंगा की धारा को पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में एस्‍केप चैनल घोषित किए जाने को लेकर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियों से बातचीत की।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 02:23 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 09:23 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री कौशिक बोले, हरकी पैड़ी में गंगा की धारा अविरल है और अविरल रहेगी
कैबिनेट मंत्री कौशिक बोले, हरकी पैड़ी में गंगा की धारा अविरल है और अविरल रहेगी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार में हर की पैड़ी को जोड़नेे वाली गंगा की धारा को एस्केप चैनल घोषित करने संबंधी शासनादेश को रद करने की दिशा में प्रदेश सरकार सक्रिय हो गई है। यह शासनादेश पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। सरकार के प्रवक्ता एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शुक्रवार को विधानसभा में इस मसले को लेकर अधिकारियों संग मंथन किया। बाद में कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि इस मसले पर सिंचाई, आवास और विधि सचिव सभी पहलुओं पर अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। फिर एक्ट में संशोधन, अध्यादेश या अदालत में अपील के बारे में कैबिनेट फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी में गंगा की धारा अविरल है और अविरल ही रहेगी।

एस्केप चैनल पर मचे सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व में साफ किया था कि सरकार इससे संबंधित जीओ को रद करेगी। इसी क्रम में सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने एस्केप चैनल के संबंध में अफसरों से विमर्श किया। इस दौरान अफसरों ने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा की अविरलधारा के संबंध में अभिलेखीय साक्ष्य मौजूद हैं।

1916 में गंगा सभा के साथ पंडित मदन मोहन मालवीय के समझौते में भी इसका उल्लेख है। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री कौशिक ने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा की धारा अविरल बह रही है और बहती रहेगी। उन्होंने कहा कि एस्केप चैनल के संबंध में गंगा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा। 

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उन्होंने कहा कि इसके लिए एक्ट में संशोधन, अध्यादेश अथवा उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अपील समेत सभी ऐतिहासिक तथ्यों व कानूनी पहलुओं पर तीन विभागों के सचिव अध्ययन कर जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। इसे कैबिनेट में रखा जाएगा और फिर कैबिनेट फैसला लेगी।

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