जन औषधि केंद्रों पर भी बिक रहीं ब्रांडेड दवाएं

मरीजों को सस्ते दाम पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खोले गए जन औषधि केंद्र शोपीस बन गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 03:01 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 03:01 AM (IST)
जन औषधि केंद्रों पर भी बिक रहीं ब्रांडेड दवाएं
जन औषधि केंद्रों पर भी बिक रहीं ब्रांडेड दवाएं

जागरण संवाददाता, देहरादून: मरीजों को सस्ते दाम पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खोले गए जन औषधि केंद्रों पर ब्रांडेड दवाएं बिक रही हैं। ताज्जुब देखिए कि मरीजों की शिकायत पर भी अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। बता दें, मोदी सरकार ने अलग-अलग स्थानों पर जन औषधि केंद्र खोलकर मरीजों को कम मूल्य पर दवा उपलब्ध कराने का दावा किया था। तब माना जा रहा था कि सरकार की इस पहल से न सिर्फ मरीजों को कम मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां मिलेंगी, बल्कि चिकित्सकों व मेडिकल स्टोर के बीच की सांठगांठ भी खत्म होगी।

इन जन औषधि केंद्रों पर ब्रांडेड दवाईयों के मुकाबले 600 प्रकार की जेनेरिक दवाईयां पचास प्रतिशत से कम की दरों पर दवा उपलब्ध होने और 154 से ज्यादा सर्जिकल आइटम होने का दावा किया गया था। लेकिन सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। देहरादून में संचालित अधिकांश जन औषधि केंद्रों का हाल कमोबेश ऐसा ही है। अब कोरोनेशन अस्पताल का ही उदाहरण लीजिए। यहां पर ओपीडी में रोजाना एक हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं। मरीजों को कम मूल्य में दवा उपलब्ध कराने के लिए यहां भी जन औषधि केंद्र खोला गया था। लेकिन मरीजों को यहां मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा ना ही अस्पताल के स्टोर में मिलती है और ना जन औषधि केंद्र में। इतना जरूर है कि कई मर्तबा जन औषधि केंद्र में मरीज को जेनेरिक दवा की जगह ब्रांडेड दवा पकड़ा दी जाती है।

अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीज सूरज मणि ने इसकी पोल खोली। जब वह दवा खरीद कर वापस चिकित्सक को दिखाने पहुंचे तो वह भी भौंचक रह गए, क्योंकि दवा ब्रांडेड थी। इसके बाद यह मामला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला के पास पहुंचा। इस पर सीएमएस ने जन औषधि केंद्र में तैनात फार्मेसिस्ट को तलब किया। हालांकि फार्मासिस्ट इस बावत सही जबाव नहीं दे सकी। उन्होंने चेतावनी दी कि दोबारा इस तरह की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ कोरोनेशन अस्पताल ही नहीं, बल्कि नेहरूग्राम व अन्य जगह संचालित होने वाले जन औषधि केंद्रों में भी इस तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। दून अस्पताल का जन औषधि केंद्र बना शोपीस

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी जन औषधि केंद्र संचालित किया जा रहा है। लेकिन इस केंद्र में मरीजों को पूरी दवाईयां ही नहीं मिल पाती हैं। दून अस्पताल में रोजाना डेढ़ से दो हजार मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। जन औषधि केंद्र इसलिए खोला गया है कि जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, वह यहां सस्ते दाम पर मिल जाएं। पर अधिकांश दवाईयां नहीं मिलती। लिहाजा मरीजों को बाहर निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दाम पर दवा खरीदनी पड़ती है।

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