भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत मास्क न पहनने को लेकर फिर चर्चा में
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत एक बार फिर सार्वजनिक कार्यक्रम में बगैर मास्क लगाए शामिल होने पर विवादों में आ गए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत एक बार फिर सार्वजनिक कार्यक्रम में बगैर मास्क लगाए शामिल होने पर विवादों में आ गए हैं। भगत उत्तराखंड में शूट होने वाली एक फिल्म के मुहूर्त शॉट का क्लैप देने पहुंचे तो उन्होंने न तो मास्क लगाया था और न इस दौरान सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन किया गया। विपक्ष कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकने में देरी नहीं की। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने इस पर टिप्पणी की, 'सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का।'
इन दिनों राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि संक्रमण से बचने के लिए फेसमास्क अवश्य लगाएं और सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करें। इस सबके बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत अकसर इससे बेपरवाह नजर आते हैं। कुछ दिनों पहले वह हरिद्वार में बगैर मास्क लगाए नजर आए और फिर पिछले सप्ताह उन्होंने कोरोना को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दे डाला। उन्होंने कहा, 'कोरोना किसी के फैलाने से नहीं फैलता। ये अपने आप आता है और किसी का नाम पूछकर नहीं आता।'
गुरुवार को देहरादून में भगत फिल्म 'विष' के मुहूर्त के मौके पर कार्यक्रम में शामिल हुए। इस फिल्म की 40 दिन की शूटिंग उत्तराखंड में होनी है। फिल्म में असरानी, मिलिंद व रक्षा गुप्ता काम कर रहे हैं। क्लैप देते हुए भगत समेत मौजूद तमाम लोग भी बगैर मास्क लगाए नजर आए। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह की टिप्पणियां सामने आईं। कांग्रेस ने भी बगैर मौका गंवाए भगत पर निशाना साधने में देरी नहीं की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिये बगैर नाम का जिक्र किए भगत पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, 'हम आह भी भरते हैं, तो कर दिए जाते हैं बदनाम और वे कत्ल भी कर देते हैं, कहते हैं चर्चा न कर।'
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आगे उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस जनता के सवालों को लेकर सड़क पर आह भरती है, तो उन पर आइपीसी की इतनी धाराएं ठोक दी जाती हैं कि व्यक्ति तड़पता रह जाता है। भाजपा नेता अगर किसी फिल्म के मुहूर्त पर जाते हैं तो वहां सुरक्षित दूरी का पालन नहीं करते और मास्क नहीं पहनते। फिर भी उन पर पुष्प बरसाए जाते हैं।'