एक कुख्यात गैंगस्टर जिसने 'सात उचक्के' फिल्म की तर्ज पर किया अपराध, ब्लैकमेलिंग के लिए महिला साथियों की लेता था मदद

Yashpal Tomar फिल्म सात उचक्के की तर्ज पर भोले-भाले किसानों और व्यापारियों को ब्लैकमेल करने का जाल बुनकर यशपाल अरबपति बन गया। वह इतना शातिर था कि निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा देता था।

By Nirmala BohraEdited By: Publish:Tue, 19 Apr 2022 03:41 PM (IST) Updated:Wed, 20 Apr 2022 07:58 AM (IST)
एक कुख्यात गैंगस्टर जिसने 'सात उचक्के' फिल्म की तर्ज पर किया अपराध, ब्लैकमेलिंग के लिए महिला साथियों की लेता था मदद
झूठे मुकदमे दर्ज कराने के बाद यशपाल ब्लैकमेल कर संपत्ति व पैसा हड़प लेता था।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर फिल्मी अंदाज में अपने कारनामों को अंजाम देता था। फिल्म 'सात उचक्के' की तर्ज पर भोले-भाले किसानों और व्यापारियों को ब्लैकमेल करने का जाल बुनकर यशपाल अरबपति बन गया। महिला साथियों के जरिये दुष्कर्म और अपहरण के झूठे मुकदमे दर्ज कराने के बाद यशपाल ब्लैकमेल करता और संपत्ति व पैसा हड़प लेता था।

पुलिस के सामने प्रस्तुत करता था काल्‍पनिक घटना

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि यशपाल किसी की संपत्ति हड़पने या किसी पर दबाव बनाने के लिए एक काल्पनिक घटना पुलिस के सामने इस तरह से प्रस्तुत करता कि वो तथ्यों के आधार पर बिल्कुल सच लगे। इसके बाद निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा देता।

पेशे से किसान था पेशे से किसान था

यशपाल तोमर मूल रूप से ग्राम बरवाला, थाना रमाला, जनपद बागपत, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, जो पेशे से किसान था। उसके परिवार में पांच भाइयों के पास करीब नौ बीघा जमीन थी।

कई साल पहले यशपाल तोमर थाना बरवाला के तत्कालीन पुलिस अधिकारी के संपर्क में आया और पुलिस की कार्रवाई व गतिविधियों को करीब से जानकर एक सफेदपोश शातिर अपराधी बन गया। जिसने अब तक करीब 153 करोड़ की संपत्ति विभिन्न राज्यों में अपने व रिश्तेदारों के नाम पर अर्जित कर ली।

जेल में रहकर अपना नेटवर्क बनाया

सर्वप्रथम यशपाल तोमर वर्ष 2002 में कोतवाली हरिद्वार से पुलिस पर जानलेवा हमला करने, अवैध हथियार रखने व धोखाधड़ी के जुर्म में गिरफ्तार हुआ था। जेल में रहकर उसने अपना नेटवर्क बना लिया। वर्ष 2004 में हरिद्वार के एक व्यापारी के खिलाफ थाना सरसावा व साहिबाबाद में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण व दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया।

जिस मुकदमे की आड़ में व्यापारी पर उसने समझौते का दबाव बनाया और उसकी भूपतवाला स्थित करोड़ों की जमीन को औने-पौने दाम में खरीद अपने सहयोगी के नाम पर करा दिया। इसके बाद से वह उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में भी कई ऐसी वारदात कर चुका है।

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