उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगा बैंक, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने दिए आदेश

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मामले में बैंक को उसकी लापरवाही के कारण उपभोक्ता को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का आदेश दिया है। बैंक को रकम ब्याज सहित लौटानी होगी। इसके अलावा 15 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच हजार रुपये वाद व्यय भी देना होगा।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 06 Jan 2022 08:08 PM (IST) Updated:Thu, 06 Jan 2022 08:08 PM (IST)
उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगा बैंक, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने दिए आदेश
बैंक को उसकी लापरवाही के कारण उपभोक्ता को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का आदेश दिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मामले में बैंक को उसकी लापरवाही के कारण उपभोक्ता को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का आदेश दिया है। बैंक को रकम ब्याज सहित लौटानी होगी। इसके अलावा 15 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच हजार रुपये वाद व्यय भी देना होगा। बहादराबाद, हरिद्वार निवासी आलोक कुमार त्यागी ने ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स की राजपुर रोड शाखा के प्रबंधक और बैंक के प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया। त्यागी के अनुसार वेंडर होने के नाते उनकी कंपनी का सिडकुल, हरिद्वार स्थित सी एंड एस इलेक्ट्रिक से लेन-देन चलता रहता है।

सी एंड एस इलेक्ट्रिक ने कुछ बिलों के भुगतान के एवज में उन्हें अर्चना एंटरप्राइजेज के नाम से दो चेक दिए। इनमें एक चेक 2,27,292.34 रुपये और दूसरा 3,53,756.39 रुपये का था। जिन्हें उक्त बैंक में जमा करने के लिए उन्होंने अपने एक कर्मचारी को भेजा। जिस पर बैंक में उन्हें चेक ड्राप बाक्स में डालने को कहा गया। उनके कर्मचारी ने डिपोजिट स्लिप अपने पास रखने के बाद चेक ड्राप बाक्स में डाल दिए। 8-10 दिन बीत जाने के बाद भी रकम उनके खाते में नहीं आई। इसका कारण पूछे जाने पर बैंक ने चेक ड्राप बाक्स में डाले जाने से साफ इनकार कर दिया। बाद में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बैंक ने यह बात मानी। जिस पर उन्होंने धनराशि वापस दिलाए जाने संबंधी शिकायती पत्र बैंक में दिया।

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साथ ही इनके भुगतान पर रोक लगाने संबंधी एक ई-मेल सी एंड एस इलेक्ट्रिक को भेजा। जिनमें कंपनी ने बताया कि इनमें एक चेक का किसी बृजनेश नाम के व्यक्ति के स्टेट बैंक आफ हैदराबाद और दूसरे का किसी कुनाल वर्मा के स्टेट बैंक आफ पटियाला के खाते में भुगतान हो चुका है। जिस पर उन्होंने डालनवाला थाना में मामला दर्ज कराया। कानूनी कार्यवाही के बाद 3,53,756.39 रुपये की धनराशि उन्हें प्राप्त हो गई। पर दूसरे चेक की राशि प्राप्त नहीं हो सकी।

आयोग के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य अलका नेगी ने तमाम पक्ष सुनने के बाद कहा कि कोई ग्राहक अपने खाते में चेक जमा करने के लिए पे-स्लिप के साथ चेक काउंटर पर प्रस्तुत करता है, तो उसे काउंटर पर ही स्वीकार कर पावती देनी चाहिए। यदि ड्राप बाक्स की सुविधा है तो यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ड्राप बाक्स में डाले गए चेकों के संबंध में हर तरह के सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं। पर दोनों ही प्रक्रिया को लेकर बैंक ने गंभीरता नहीं दिखाई। ऐसे में बैंक की लापरवाही के कारण उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। जिस पर वह सामान्य सावधी जमा ब्याज 6 प्रतिशत की दर से पाने का भी अधिकारी है। 

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