ढोल होगा उत्तराखंड का राज्य वाद्य!

जागरण संवाददाता, देहरादून: जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कारों में शामिल पौराणिक एवं लौकिक वाद्ययं

By Edited By: Publish:Fri, 13 Feb 2015 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 13 Feb 2015 01:00 AM (IST)
ढोल होगा उत्तराखंड का राज्य वाद्य!

जागरण संवाददाता, देहरादून: जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कारों में शामिल पौराणिक एवं लौकिक वाद्ययंत्र ढोल उत्तराखंड का 'राज्य वाद्य' हो सकता है। सरकार की ओर से राज्य वाद्य के चयन के सिलसिले में गठित कमेटी की बैठक में लगभग सभी सदस्य ढोल पर एकमत नजर आए। हालांकि, पारंपरिक वाद्य दमाऊ और हुड़का, डौंर-थाली भी इस रेस में हैं। कमेटी जल्द ही अगली बैठक भी करेगी और फिर इसके निष्कर्षाें की रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने करीब एक माह पूर्व राज्य वाद्य के चयन के लिए छह सदस्यीय कमेटी गठित की। इसमें साहित्यकार एवं गीतकार जुगल किशोर पेटशाली, प्रसिद्ध लोकगायक चंद्रसिंह राही व प्रीतम भरतवाण, ढोल सागर विशेषज्ञ उत्तमदास, पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, भातखंडे संगीत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य योगेंद्र भ्ाडारी और संस्कृति विभाग के समन्वयक एसएल ममगांई को शामिल किया गया। श्री भंडारी को कमेटी के सदस्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई, जबकि श्री ममगांई को समन्वयक की।

इस कमेटी की गुरुवार को संस्कृति निदेशालय में बैठक हुई, जिसमें राज्य वाद्य के लिए ढोल, दमाऊ, हुड़का, डौंर-थाली, रणसिंहा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों को लेकर मंथन किया गया। लोकगायक प्रीतम भरतवाण ने ढोल को राज्य वाद्य बनाने पर जोर देते हुए कहा कि यह वाद्य संस्कारों में शामिल होने के साथ ही पौराणिक और लौकिक भी है। इस वाद्य की उत्पति भगवान शिव से मानी जाती है और इसका समूचा ढोल सागर भी विद्यमान है।

बैठक में ढोल के सहायक वाद्य दमाऊ के अलावा हुड़का और डौंर-थाली के संबंध में सदस्यों ने तर्क दिए। समिति के समन्वयक एसएन ममगांई के मुताबिक बैठक में मौजूद रहे सदस्यों ने ढोल पर ज्यादा फोकस किया और राज्य वाद्य के लिए इसे उपयुक्त माना। उन्होंने बताया कि जल्द ही समिति की अगली बैठक होगी, जिसमें इसे अंतिम रूप देकर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। गुरुवार को हुई बैठक में चंद्रसिंह राही और राजीव नयन बहुगुणा को छोड़ समिति के बाकी सभी सदस्य मौजूद थे।

राज्य गीत को भी शुरू हुई कसरत

उत्तराखंड के राज्य वाद्य के साथ ही राज्य गीत के लिए भी कसरत शुरू हो गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस संबंध में भी 11 सदस्यीय चयन कमेटी गठित की गई है, जिसमें लोककलाकार, गीतकार, साहित्यकार आदि को शामिल किया गया है।

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