बहुगुणा के तल्ख तेवर बरकरार

-सरकार पर विकास कार्यो में हीलाहवाली का आरोप -कहा, पार्टी घोषणापत्र पर भी नहीं हो रहा है अमल -मु

By Edited By: Publish:Sat, 31 Jan 2015 01:04 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jan 2015 01:04 AM (IST)
बहुगुणा के तल्ख तेवर बरकरार

-सरकार पर विकास कार्यो में हीलाहवाली का आरोप

-कहा, पार्टी घोषणापत्र पर भी नहीं हो रहा है अमल

-मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, पट्टों के नियमितीकरण का मसला कैबिनेट में आएगा

-31 जनवरी की कैबिनेट स्थगित, अब अगली बैठक में रखेंगे

-पार्टी फोरम पर रखे जाने चाहिए विवादित मुद्दे: किशोर उपाध्याय

राज्य ब्यूरो, देहरादून

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद कांग्रेस के भीतर उठा तूफान फिलहाल थमने के संकेत नहीं हैं। बीते रोज मुख्यमंत्री को पत्र भेजने के बाद नई दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से रूबरू विजय बहुगुणा के तीखे तेवरों में कमी नहीं आई है। बहुगुणा ने विकास कार्यो में हीलाहवाली के साथ ही पार्टी घोषणापत्र पर अमल नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार की घेराबंदी की है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बहुगुणा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मसला पार्टी फोरम में ही रखा जाना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बीते रोज मुख्यमंत्री हरीश रावत को पत्र लिखकर सितारगंज और शक्तिफार्म में पट्टाधारकों का नियमितीकरण नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। वर्ग-चार और वर्ग-एक (क) की भूमि के नियमितीकरण का मुद्दा सालभर से लंबित होने का हवाला देते हुए उन्होंने 15 फरवरी को ऊधमसिंहनगर में जनाक्रोश रैली निकालने की चेतावनी दी थी। शुक्रवार को नई दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने तल्ख तेवरों के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री विकास कार्यो में हीलाहवाली कर रहे हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं हो पा रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में सिर्फ मुख्यमंत्री बदला है, सरकार नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री के रुख से सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को फिर दोहराया कि विधायक के नाते रोष जाहिर करना बहुगुणा का हक है। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वर्ग-चार और वर्ग-एक (क) की भूमि के नियमितीकरण का मसला कैबिनेट में रखा जाएगा। 31 जनवरी को प्रस्तावित कैबिनेट में यह मुद्दा रखा जाना था, लेकिन बैठक स्थगित हो गई। अब यह अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।

उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री के इस रुख को उचित नहीं माना। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे पार्टी फोरम पर ही रखे जाने चाहिए।

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