सरकार ने आयोग को दोबारा भेजा पत्र

राज्य ब्यूरो, देहरादून राजकीय डिग्री कालेजों में कार्यरत तकरीबन 230 संविदा प्रवक्ताओं के स्थाईकरण

By Edited By: Publish:Wed, 28 Jan 2015 01:02 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jan 2015 01:02 AM (IST)
सरकार ने आयोग को दोबारा भेजा पत्र

राज्य ब्यूरो, देहरादून

राजकीय डिग्री कालेजों में कार्यरत तकरीबन 230 संविदा प्रवक्ताओं के स्थाईकरण की कसरत तेज हुई है। सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग को दोबारा पत्र भेजकर उक्त संबंध में जल्द परामर्श देने को कहा है।

प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण में अड़चन दूर तो हो चुकी है, लेकिन इस काम को अंजाम तक पहुंचने में हो रही देरी से शिक्षकों में असंतोष भी है। पांच साल से लगातार सेवारत अस्थायी कार्मिकों के नियमितीकरण की कार्मिक की नियमावली बहाल होने के बाद उच्च शिक्षा महकमा संविदा डिग्री शिक्षकों से शपथ पत्र (एफिडेविट) ले रहा है। इसमें संविदा शिक्षकों को अपनी लगातार सेवा, सेवा अवधि में गैप समेत तमाम बिंदुओं पर शपथ पत्र देना है। 230 में तकरीबन 121 शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी निरंतर सेवा में गैप नहीं है, जबकि अन्य शिक्षकों की सेवा में तीन दिन से 30 दिन तक गैप देखा जा रहा है। उधर, शासन ने राज्य लोक सेवा आयोग से डिग्री शिक्षकों के नियमितीकरण की बाबत परामर्श मांगा है। शासन की ओर से भेजे गए पत्र का जवाब आयोग ने अब तक नहीं दिया है।

उच्च शिक्षा प्रभारी सचिव राधिका झा के मुताबिक आयोग से जल्द परामर्श देने के अनुरोध के साथ दोबारा अनुस्मारक (रिमांइडर) भी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि आयोग की राय मिलने के बाद सरकार के स्तर पर नियमितीकरण की कार्यवाही को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। उधर, नियमितीकरण को लेकर हीलाहवाली से संविदा शिक्षक क्षुब्ध हैं। इन शिक्षकों के पद यथावत रखने और उनके स्थाईकरण के संबंध में मंत्रिमंडल के फैसले को सालभर से ज्यादा वक्त बीत चुका है। हालांकि अधिकतर समय नियमितीकरण की राह में बाधा बनी अड़चनों को दूर करने में गुजरा है। अब अड़चनें खत्म होने के बावजूद नियमितीकरण की प्रक्रिया में तेजी नहीं आ पा रही है।

संविदा डिग्री शिक्षकों की एसोसिएशन के महासचिव डा ब्रीश कुमार का कहना है कि अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर विभिन्न स्तरों पर वार्ता हो चुकी है। मुख्यमंत्री हरीश रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डा इंदिरा हृदयेश की ओर से सकारात्मक रुख के बावजूद नियमितीकरण में विलंब हो रहा है।

chat bot
आपका साथी