पेज एक::सेंट्रल डेस्क:: उत्तराखंड में ठंड से दो और की मौत

जागरण संवाददाता, देहरादून: चोटियों पर पिघल रही बर्फ और वहां से ठंडक लेकर लौट रही हवाएं प्रदेशभर के ल

By Edited By: Publish:Mon, 22 Dec 2014 08:58 PM (IST) Updated:Mon, 22 Dec 2014 08:58 PM (IST)
पेज एक::सेंट्रल डेस्क:: उत्तराखंड में ठंड से दो और की मौत

जागरण संवाददाता, देहरादून: चोटियों पर पिघल रही बर्फ और वहां से ठंडक लेकर लौट रही हवाएं प्रदेशभर के लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनी हुई हैं। पहाड़ और मैदान दोनों जगह शीतलहर का डेरा है। ठंड से सोमवार को हरिद्वार के बहादराबाद में दो लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही ठंड से मरने वालों का आंकड़ा प्रदेश में 18 पर पहुंच गया है। उधर, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा।

देहरादून में सोमवार को आंशिक बादल छाए रहे। इसके चलते दिनभर चली ठंडी हवाएं शाम होते ही तीखी हो गईं, जिससे ठंड और बढ़ गई। सोमवार को दून का अधिकतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 5.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरिद्वार के बहादराबाद में ठंड के कारण दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक की पहचान कुलदीप, निवासी ग्राम पीपली टाडा, मुजफ्फरनगर के रूप में हुई। जबकि, हाईवे किनारे ठंड से मृत पड़े मिले वृद्ध व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो सकी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

हल्द्वानी में भी मौसम ने करवट बदली और पहाड़ बादलों से घिर गए। पिथौरागढ़ जिले में ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई। हालांकि, भाबर और तराई में मौसम साफ रहने से राहत महसूस की गई। दिन का औसत न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस रहा। नैनीताल में दिनभर धूप-छांव का खेल चलता रहा। ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ पिघलने से ठंड में खासी बढ़ोत्तरी हुई। चंपावत में न्यूनतम तापमान तो स्थिर है पर अधिकतम में 1.0 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। ठंड के चलते सोमेश्वर क्षेत्र में आठ दिनों से बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है। पिछले सोमवार को हुए हिमपात के दौरान बिजली आपूर्ति भंग हो गई थी। बागेश्वर में भी तापमान में गिरावट आने से न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस हो गया। यहां भी कई गांवों की विद्युत आपूर्ति बाधित है। गरुड़ क्षेत्र में सातवें दिन भी बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में कोहरा एवं कुहासा पसरा रह सकता है।

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