चम्पावत में आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपनल से नियुक्ति की उठाई मांग

चम्पावत में बाल विकास विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिग कर्मचारियों ने उनकी नियुक्ति सेवायोजन कार्यालय या उपनल के माध्यम से किए जाने की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 10:41 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 10:41 PM (IST)
चम्पावत में आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपनल से नियुक्ति की उठाई मांग
चम्पावत में आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपनल से नियुक्ति की उठाई मांग

संवाद सहयोगी, चम्पावत : बाल विकास विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिग कर्मचारियों ने उनकी नियुक्ति सेवायोजन कार्यालय अथवा उपनल के माध्यम से किए जाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फत्र्याल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों में पोषण अभियान एवं मातृत्व वंदना जैसी महत्वपूर्ण योजना संचालित की जा रही है। योजना के संचालन के लिए कंपनियों के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्तियां की जाती हैं। इन कंपनियों द्वार मनमर्जी कटौती एवं सिक्योरिटी के नाम पर लाखों रुपये की मांग की जाती है। वर्तमान में मानव संसाधन आपूर्ति कंपनी के ए-स्क्वायर द्वारा तीन माह का अनुबंध बढ़ाने के लिए कर्मचारियों से एक माह का वेतन एडवांस मांगा जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि नियुक्ति के समय उन्हें जो वेतन बताया गया था। उसमें से 18 प्रतिशत जीएसटी व सर्विस चार्ज काटा जा रहा है। जबकि अन्य राज्यों में कर्मचारियों से इस प्रकार की कोई कटौती नहीं की जा रही है। जिले में कार्यरत कार्मिकों को काम के एवज में वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में नेहा चंद, आशा सामंत, दीपक बोहरा, कमल जोशी आदि कर्मचारी शामिल थे।

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आशा वर्कर्स को भी दिया जाए न्यूनतम मानदेय

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: मानदेय समेत विभिन्न मांगों को लेकर आशा वर्कर्स फिर मुखर हो गए हैं। एक्टू व सीटू से जुड़े आशा यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर आगामी 23 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करने का एलान किया है।

आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की जिलाध्यक्ष इंद्रा देऊपा ने कहा कि सरकार आशाओं से बहुत ज्यादा काम ले रही है, मगर उन्हें इसका कुछ भी मानदेय नहीं दिया जा रहा है। विगत 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा कोरोना काल में सराहनीय सेवा देने वाली आशाओं को दस हजार रु पये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी, मगर उसके बाद से सरकार द्वारा इस ओर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

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