ग्रामीण मीलों पैदल चलने को मजबूर

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Oct 2019 06:41 PM (IST) Updated:Wed, 09 Oct 2019 06:34 AM (IST)
ग्रामीण मीलों पैदल चलने को मजबूर
ग्रामीण मीलों पैदल चलने को मजबूर

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : पर्याप्त धनराशि होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग पल्ला जखोला सड़क का निर्माण पूरा नहीं कर पा रहा है। हालत यह है कि सड़क न बनने के कारण ग्रामीणों को मीलों पैदल चलकर गांव तक पहुंचना पड़ रहा है। एक दशक से ग्रामीणों की यह समस्या जस की तस बनी हुई है। शिकायत व आंदोलनों के बाद भी लोनिवि के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

सीमा से लगे जोशीमठ ब्लॉक के पल्ला जखोला को सड़क सुविधा मुहैया कराने के लिए उर्गम-पल्ला जखोला ढाई किमी सड़क की स्वीकृति वर्ष 2008 में मिली थी। लेकिन इस सड़क का निर्माण आधा अधूरा पड़ा है। एक किमी सड़क भी वाहन चलने लायक नहीं है। उर्गम ल्यारी से पल्ला जखोला तक सड़क मार्ग स्वीकृति के साथ 145.3 लाख की वित्तीय स्वीकृति भी मिली थी। लोनिवि गोपेश्वर को इस सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। हेलंग पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना प्रभावित क्षेत्र होने के कारण टीएचडीसी ने मशीन, एक्टिवेटर चेन, कंप्रेसर भी कार्य के लिए निश्शुल्क दिया था। ताकि समय पर ग्रामीणों को सड़क सुविधा मिले। जखोला निवासी भगत सिंह झिंक्वाण का कहना है कि सड़क पर निर्माण कार्य बंद है। इससे ग्रामीणों के लिए एक दशक से यातायात सपना बनकर रह गया है। ग्रामीण सात किमी जंगल के रास्ते से होकर गांव पहुंच रहे हैं। लोनिवि गोपेश्वर डिविजन के अवर अभियंता बुद्धि राम भट्ट का कहना है कि यह सड़क आगे निर्माण के लिए एडीबी को स्थानांतरित हो गई है। लोनिवि के पास केवल 2.5 किमी का क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि 50 फीसद से अधिक भुगतान हो चुका है। ठेकेदार को कार्य करने को कहा गया है।

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