आठ सालों से नहीं मिला राशन ढुलाई का किराया
संवाद सहयोगी गोपेश्वर सरकार की उपेक्षा के कारण सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता आर्थिक संकट
संवाद सहयोगी, पोखरी: सरकार की उपेक्षा के कारण सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता आर्थिक संकट में जूझ रहे है। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को आठ साल से राशन ढुलाई का भाड़ा नही मिला है। बावजूद इसके विक्रेता लगातार राशन वितरण करते आ रहे है। सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने बैठक कर निर्णय लिया कि अगर सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को दुकान का भाड़ा व राशन ढुलाई भाड़ा सहित अन्य मांगे नही मानती है तो वे भविष्य में राशन न उठा कर आंदोलन करेंगे।
विकास खंड पोखरी के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संगठन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन के अध्यक्ष रमेश चौधरी ने कहा कि गल्ला विक्रेताओं ने कोरोना काल में सरकार ने जनता को निश्शुल्क राशन वितरण का फरमान जारी किया है, गल्ला विक्रेताओं ने अपने स्तर से भाड़ा खर्च कर ग्रामीणों तक राशन पहुंचाया। संगठन ने निर्णय लिया कि राशन ढुलाई के रुपयों के भुगतान के लिए विभागीय अधिकारियों से लेकर सरकार तक लगातार मांग जा रही है। परंतु अभी तक भुगतान न होने से सभी गल्ला विक्रेता आर्थिक संकट मे है। बैठक में चर्चा की गयी कि सरकार से सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं पर नए नियम लागू किए गए हैं। मांग की गई कि दुकान पर ग्राहकों को बैठने की व्यवस्था आवश्यक है। निर्णय लिया कि सरकार दुकान का किराया ,मानदेय व बीमा के साथ आठ साल का राशन ढुलाई का भाड़े का भुगतान जब तक नही करती है, तब तक गल्ला विक्रेता गोदाम से राशन नही उठाएंगे। जनता को राशन की होने वाली परेशानी के लिए खाद्य पूर्ति विभाग व सरकार पूर्णरूप से जिम्मेदार रहेगी। बैठक मे कमल सिंह, जसपाल सिंह, सत्यपाल सिंह, रामेश्वरी पंत,मातवर सिंह सहित तमाम गल्ला विक्रेता मौजूद थे।