तीन साल बाद भी नहीं हुई पेयजल योजना की मरम्मत

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : तीन सालों से क्षतिग्रस्त सिमार पेयजल योजना की मरम्मत न होने से ग्रामीण पानी

By Edited By: Publish:Sat, 25 Oct 2014 07:08 PM (IST) Updated:Sat, 25 Oct 2014 07:08 PM (IST)
तीन साल बाद भी नहीं हुई पेयजल योजना की मरम्मत

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : तीन सालों से क्षतिग्रस्त सिमार पेयजल योजना की मरम्मत न होने से ग्रामीण पानी के लिए भटक रहे हैं। असल में विकासखंड घाट के सिमार गांव में 2011 में पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्रामीणों की मांग पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने तत्काल गांव को पानी की सुविधा से जोड़ने के निर्देश बीडीओ को दिए थे। लेकिन, तीन सालों से पेयजल योजना मरम्मत का मामला बीडीओ कार्यालय की फाइलों में धूल फांक रहा है।

ग्रामसभा बूरा की अनुसूचित जाति बस्ती सिमार के ग्रामीणों को पानी पिलाने के लिए पेयजल विभाग ने वर्ष 1992 में किलूपाणी स्रोत से पेयजल योजना का निर्माण किया। वर्ष 2011 में यह पेयजल योजना भूस्खलन से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई। इस बस्ती में पेयजल का कोई अन्य स्रोत नहीं है। लिहाजा ग्रामीण पानी के लिए इसी स्रोत पर निर्भर हैं। पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने के बाद ग्रामीणों ने अपनी यह समस्या बीडीओ घाट के समक्ष रखी। बीडीओ स्तर से कार्रवाई न होने के बाद ग्रामीणों ने चमोली के सामने जिलाधिकारी से वर्ष 2011 में यह समस्या रख दी थी। तब जिलाधिकारी ने बीडीओ घाट को तत्काल ग्रामीणों की समस्या दूर करने के निर्देश दिए थे। तीन साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक सिमार पेयजल योजना का मामला बीडीओ कार्यालय की फाइलों की शोभा बढ़ा रहा है। ग्रामीण केदारी राम का कहना है कि डीएम के निर्देशों पर विकासखंड घाट के अवर अभियंता की ओर से स्थलीय निरीक्षण कर 525000 का आंगणन पेयजल योजना मरम्मत के लिए बीडीओ को सौंपा भी था। लेकिन, इस आंगणन पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

मेरे संज्ञान में अभी तक यह मामला नहीं है। अगर ग्रामीणों की समस्या दूर करने के लिए मामला लटकाया गया है तो उसे देखकर कार्रवाई की जाएगी।

करण सिंह नेगी, ब्लॉक प्रमुख, घाट

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