शुद्ध पानी नहीं पिला रहा पेयजल विभाग

फोटो। 19 जीओपीपी 1 कैप्शन। पंचप्रयागों में से एक नंदप्रयाग का विहंगम दृश्य संवाद सहयोगी गोप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:25 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 06:30 AM (IST)
शुद्ध पानी नहीं पिला रहा पेयजल विभाग
शुद्ध पानी नहीं पिला रहा पेयजल विभाग

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सीमांत चमोली जिले में पेयजल महकमे की किसी भी पेयजल योजना पर फिल्टर नहीं लगाया गया है। अधिकतर योजनाएं नदियों या गाड़, गदेरों से निकलने वाले श्रोतों से बनाई गई है। फिल्टर की सुविधा न होने से लोगों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पेयजल महकमा भी अब जिले में निर्मित पेयजल योजनाओं पर फिल्टर लगाने के लिए प्रस्ताव भेजने की बात कर रहा है।

चमोली जिले में नगर हो या फिर ग्रामीण इलाके, पेयजल निगम व पेयजल संस्थान ने पेयजल आपूर्ति के लिए साढ़े तीन सौ से अधिक पेयजल योजनाओं का निर्माण किया है। हैरत की बात यह है कि आज तक पेयजल विभाग जिले की किसी भी पेयजल योजना पर फिल्टर नहीं लगा पाया है। फिल्टर के अभाव में गाड़-गदेरों व नदियों से निकलने वाली मिट्टी, रेता, बजरी के अलावा जल जीव भी लोगों के घरों तक पानी के साथ पहुंच रहे हैं।

इन दिनों पंचप्रयागों में से एक नंदप्रयाग में दूषित पानी की समस्या बनी हुई है। नंदप्रयाग नगर में पेयजल महकमे के 300 से अधिक उपभोक्ता हैं। नगर में जैंथा गदेरे से पेयजल लाइन का निर्माण किया गया है। इस पेयजल योजना पर लगातार दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। स्थानीय निवासी तेजवीर सिंह कंडेरी का कहना है कि पेयजल योजना पर लंबे समय से पानी के साथ मिट्टी, बजरी, जल जीव आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद भी पेयजल योजना पर फिल्टर नहीं लगाया जा रहा है। दूषित पानी की सप्लाई होने से लोगों में बीमारियां फैलने की संभावना भी बनी है। मामले में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार सैनी का कहना है कि जिले में किसी भी योजना पर फिल्टर की सुविधा नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भी भेजा गया है।

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